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नरभक्षी सीटी-1 बाघ को पकड़ने आई शार्प-शूटर्स की टीम
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। अब तक 10 लोगों का शिकार कर चुके सीटी-1 बाघ को वनविभाग ने पकड़ने के आदेश जारी किए हैं। इस कारण ताड़ोबा की शार्प शूटर्स की टीम जिले के आरमोरी तहसील के इंजेवारी गांव पहुंच चुकी है। वनविभाग ने परिसर में ट्रैप कैमरे लगा रखे हैं, लेकिन इसमें अब तक बाघ दिखाई नहीं दिया है। जानकारी के अनुसार चंद्रपुर, भंडारा और गड़चिरोली इन तीन जिले में सीटी-1 बाघ ने अब तक 10 लोगों का शिकार किया है, लेकिन तीनोंं ही जिलों के वनविभाग को इस बाघ को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है। इस कारण आरमोरी तहसील के इंजेवारी गांव निवासी वासुदेव मेश्राम की इसी बाघ के हमले में मौत होने की बात स्पष्ट हुई ताे वनविभाग ने उसे पकड़ने के आदेश जारी कर दिए। इसके चलते ताड़ोबा की शार्प शूटर्स की टीम इंजेवारी परिसर में पहुंच चुकी है। लेकिन वनविभाग द्वारा लगाए ट्रैप केमरे में अब तक बाघ दिखाई नहीं दिया है। बाघ अन्य जगह स्थानांतर होने से उसे पकड़ना मुश्किल हो गया है।
बता दें कि इंजेवारी की घटना के बाद करीब 7 किमी दूरी पर 26 जून को पोर्ला वनपरिक्षेत्र अंतर्गत पोर्ला निवासी किशोर मामीडवार (30) की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। वहीं 29 जून को बोरी चक निवासी सागर वाघरे की जान इसी बाघ ने ली है। बाघ को पकड़ने ताड़ोबा की रेस्क्यू टीम पुन: पोर्ला वनपरिक्षेत्र में आयी हैै। सीटी-1 बाघ मूल चंद्रपुर जिले के ताड़ोबा का होकर वह चिमूर तहसील के 1, भंडारा जिले के लाखांदूर तहसील के 2, वड़सा तहसील के 2 और ब्रह्मपुरी तहसील के हलदा यहां 2 किसानों की जान लेकर वह बाघ वैनगंगा नदी पार कर देऊलगांव से इंजेवारी सिर्सी जंगल में दाखिल हुआ। सीटी-1 बाघ को पकड़ने के लिए वनविभाग ने इंजेवारी, पोर्ला, सिर्सी आदि जंगल परिसर में ट्रैप केमरे लगाए गए किंतु वह दिखाई नहीं दिया, जिससे जब तक बाघ स्थिर नहीं होता है तब तक उसे पकड़ना मुश्किल हो गया। गड़चिरोली वनवृत्त के वनसंरक्षक डा. किशोर मानकर, वडसा वनविभाग के उपवनसंरक्षक धर्मवीर सालविठ्ठल के मार्गदर्शन में वड़सा वनविभाग के सहायक वनसंरक्षक धनंजय वायभासे के नेतृत्व में वनाधिकारी व वनकर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी गई है। वहीं जंगल परिसर में ट्रैप केमरे लगाकर बाघ पर नजर रखी जा रही है। बाघ को पकड़ने का प्रयास शुरू होकर उक्त बाघ जल्द पकड़ा जाएगा। एेसा विश्वास वड़सा वनविभाग के उपवनसंरक्षक धर्मवीर सालविठ्ठल ने व्यक्त किया।
Created On :   4 July 2022 1:25 PM IST