नागपुर में बस्ती वालों को मालूम ही नहीं और उन पर फिल्म बन गई

The residents of Nagpur did not know about it and a film was made on them.
नागपुर में बस्ती वालों को मालूम ही नहीं और उन पर फिल्म बन गई
अक्कू यादव हत्याकांड hj नागपुर में बस्ती वालों को मालूम ही नहीं और उन पर फिल्म बन गई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देशभर में चर्चित अक्कू यादव हत्याकांड के करीब 17 साल बाद एक फिल्म "200 हल्ला हो" निर्माण किया गया है।  फिल्म अक्कू यादव हत्याकांड से प्रेरित बताई जा रही है।  दहशत, डर और खौफ पैदा करने वाले अपराधी के नाम से संबोधित किए जाने वाले अक्कू यादव हत्याकांड पर बनी फिल्म "200 हल्ला हो" के कारण नागपुर में हुए इस हत्याकांड की चर्चा एक बार फिर पूरे देश में हो रही है। इस मामले में अक्कू के परिजनों से जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि उन्हें भी इस बारे में कुछ पता नहीं है। वहीं बस्ती वालों को भी नहीं पता की उनके ऊपर फिल्म बनी है। 

क्या था मामला
उल्लेखनीय है कि लगभग 17 साल पहले भरत कालीचरण उर्फ अक्कू यादव को 13 अगस्त 2004 में महिलाओं की एक भीड़ ने  मार डाला था। कोर्ट में पेशी के समय उसे मौत के घाट उतारा गया था। इसे एेतिहासिक घटना करार दिया गया था। इसी घटना को केंद्र बिंदु बनाकर हिंदी फिल्म "200 हल्ला हो" बनाई गई है। इसके  निर्देशक सार्थक दासगुप्ता हैं। इस पर नागपुर के एक फिल्म निर्माता ने भी  फिल्म  निर्माण का प्रयास किया था, लेकिन अक्कू के परिजनों की सहमति नहीं मिल पाने के कारण निर्माण कार्य रोक दिया था। अक्कू के भाई युवराज का कहना है कि कुछ पिक्चर बनाने वाले लोग उनके पास कुछ वर्ष पहले आए थे, उन्हें उनका नाम याद नहीं है। वह कह रहे थे कि   फिल्म में सच्चाई बताएंगे, तब मैंने उनसे कहा था कि सच जानना है, तो थाने और कोर्ट में जाओ।   हमने किसी को कोई जानकारी नहीं दी थी और न ही फिल्म बनी है इस बारे में हम जानते हैं। 

सच जानना है, तो बस्ती वालों से पूछो
कस्तूरबानगर बस्ती के कई लोगों को भी यह नहीं मालूम है कि अक्कू हत्याकांड की कहानी को लेकर फिल्म का निर्माण हुआ है। फिल्म का नाम बताने पर भी युवराज कुछ बोलने को तैयार नहीं है। अक्कू के घर के आस-पास रहने वाली महिलाओं का कहना है कि अक्कू के बारे में उन्हें उसकी मौत के बाद पता चला कि वह कितना बड़ा गुंडा था। वह भी खबरें जब मीडिया में आने लगी थीं। इधर अक्कू के भाई युवराज का कहना था कि वह इतना बड़ा गुंडा नहीं था, जितना उसे बनाकर पेश किया गया। अक्कू पर मर्डर, मारपीट के मामले दर्ज थे, यह भी मैं मानता हंू। उसने पहली बार अवि का मर्डर किया था। 

बस्ती वालों ने कहा-हम इस हादसे को हमेशा के लिए भूलना चाहते 
कस्तूरबानगर बस्ती के कुछ रहवासियों ने जब हमने इस मामले में बात की तो उनका कहना था कि जो होना था हो 17 साल पहले हो गया। अब नए सिरे से इस पर हमें कोई बात नहीं करनी। हमारे ऊपर फिल्म बनी है, हमें यह मालूम नहीं है। मगर हम अब इस पर चर्चा भी नहीं करना चाहते। वह हमारे लिए किसी काले अध्याय से भी कम नहीं था। हम किसी तरह उसे भूलना चाहते हैं। 

इसलिए मेहरबानी होगी कि इस पर कोई बात नहीं करें।
मां आज भी सदमे से नहीं उबर पाई है : अक्कू के भाई युवराज ने कहा कि मेरे भाई अक्कू यादव की बस्ती में अगर इतना ही डर और दहशत थी, तो भरी कोर्ट में उसे कैसे मार दिया गया। अक्कू की मौत से बड़ी मुश्किल से परिवार उबरा है। मां तब से सदमे में है। आज वह 95 वर्ष की हो गई है। बिस्तर पर ही पड़ी रहती है। अक्कू हत्याकांड से जुड़ी घटना को लेकर फिल्म किसने और क्यों बनाई हम नहीं जानते हैं।  फिल्म "200 हल्ला हो" में क्या दिखाया गया है, हमें नहीं मालूम। हम उस बारे में जानना नहीं चाहते हैं। हां फिल्म बनानेवालों से बस इतना कहना चाहंूगा कि मेरे परिवार ने बहुत दर्द झेला है, अब दोबारा उनके जख्मों को मत कुरेदो। 

 

Created On :   30 Aug 2021 3:06 PM IST

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