मौत का सिलसिला जारी, सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

The process of death continues, social worker informed the High Court
मौत का सिलसिला जारी, सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
मेलघाट मौत का सिलसिला जारी, सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के मेलघाट इलाके में अभी बच्चों व महिलाओं की मौत का सिलसिला जारी है। सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता बंडया साने ने बांबे हाईकोर्ट में यह दावा किया। दैनिक भास्कर से बातचीत में साने कहा कि अगस्त माह में मेलघाट इलाके में करीब दस बच्चों और दो महिलाओं की मौत हुई है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आदिवासी इलाकों में 73 बच्चों की मौत की बात जानने के बाद सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके साथ ही सरकार को आगाह किया था कि यदि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में कुपोषण से और मौत हुई तो इसके लिए सार्वजनिक स्वासथ्य विभाग के सचिव इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।   कोर्ट ने इस मामले को गंभीर विषय मानते हुए सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। हलफनामे में सरकार को यह खुलासा करने को कहा गया था कि सरकार ने आदिवासी इलाकों में कुपोषण से बच्चों की मौत को रोकने व वहां डाक्टरों को उपलब्ध कराने के लिए कौन से कदम उठाए है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से 23 अगस्त को दावा किया गया था कि सरकार ने कुपोषण से बच्चों की मौत को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए है। सरकार इस याचिका को अपने विरोध के रुप में नहीं देखती है। 

 मेलघाट इलाके में कुपोषण के चलते बच्चों,गर्भवति महिलाओं की होनेवाली मौत को लेकर डाक्टर राजेंद्र बर्मा ने इस बारे में जनहित याचिका दायर की है। साल 2007 में इस विषय को लेकर दायर की गई याचिका में मेलघाट इलाके में सार्वजनिक स्वास्थय केंद्रो की कमी,महिला व बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टरों के न होने के मुद्दो को भी उठाया गया है। 

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने थोड़ी देर के लिए सुनवाई हुई। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता बंडया साने ने दावा किया कि अभी भी मेलघाट इलाके में बच्चों व महिलाओं की मौत का सिलसिला जारी है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी यह बात लिखित रुप में देने को कहा। सरकार की ओर से अभी तक इस मामले को लेकर हलफनामा नहीं दायर हो पाया है। सोमवार को समय कम होने के चलते इस याचिका पर ज्यादा देर तक सुनवाई नहीं हो पायी। और खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई अगले सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही सरकार को हलफनामा दायर करने को कहा।

Created On :   6 Sept 2021 7:20 PM IST

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