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बाघों के गढ़ में फैला रहे थे करंट का जाल, शिकार की कोशिश में गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेजे गए पिता-पुत्र
डिजिटल डेस्क सतना। मुखबिरों की सतर्कता से सतना वन मंडल को बड़ी सफलता मिली है। मझगवां थाना इलाके के सरभंगा सर्किल की अमिरती बीट के कक्ष क्रमांक पी-८११ से लगे राजस्व भूमि के खेत में बुधवार की सुबह दबिश देकर वन विभाग की छापामार टीम ने बाघ के शिकार की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी। वन मंडलाधिकारी विपिन पटेल ने बताया कि एक दर्जन टाइगर के मूवमेंट के मद्देनजर सरंभगा के जंगल अति संवेदनशील घोषित हैं। एहितियाती तौर पर वन क्षेत्र में मुखबिर तंत्र सक्रिय है। मुखबिर की खबर पर बुधवार को जब चित्रकूट के एसडीओ फारेस् अभिषेक तिवारी ने मौके पर मझगवां रेंजर पंकज दुबे को मौके पर भेज कर तस्दीक कराई तो सूचना सच साबित हुई। आननफानन में दबिश देकर दो शिकारी मौके पर पकड़े गए।
२० खंूटियों के साथ ६ किलो जीआईआर तार भी बरामद:----
मौके पर पहुंची वन विभाग की छापामार टीम ने पाया कि अमिरती बीट के कक्ष क्रमांक पी-८११ से लगे राजस्व भूमि के खेत में आरोपी भूषण मिश्रा और उसके बेटे मनीष मिश्रा ने करंट का जाल बिछाया रखा था। दोनों आरोपियों के पास से ६ किलो जीआई तार और २० नग खंूटियां भी बरामद की गई हैं। जीआई तार और खंूिटयां प्राय: वन्य प्राणियों का शिकार करने में प्रयुक्त की जाती हैं। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम १९७२ की धारा -२ (१६), ०९, ५०, ५१ के तहत
अपराध दर्ज करते हुए पिता-पुत्र को चित्रकूट स्थित कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने दोनों आरोपियों को सेंट्रल जेल भेज दिया है।
४ साल पहले करंट से ही मारा गया था टाइगर :-------
चित्रकूट के एसडीओ फारेस्ट अभिषेक तिवारी ने बताया कि जिस जगह से शिकार के आरोपी पिता पुत्र पकड़े गए और जिस जगह पर करंट का जाल फैलाने की कोशिश हो रही थी, उसी जगह पर ४ साल पहले एक नर बाघ का शिकार करंट लगाकर ही किया गया था। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ वन अफसरों के निर्देश पर इलाके की कड़ी निगरानी कराए जाने के कारण शिकार की कोशिश नाकाम हुई। एसडीओ ने बताया कि टाइगर बहुल्य क्षेत्र होने के कारण शिकार की कोशिश की यह घटना गंभीर अपराध की श्रेणी में शामिल की गई है।
१४ हजार हेक्टेयर पर कड़ी नजर :------
वन अधिकारियों ने बताया कि सरभंगा सर्किल के अंतर्गत अमिरती समेत ३ बीट के ४३ कंम्पार्टमेंट के लगभग १४ हजार हेक्टेयर भूभाग पर लगभग एक दर्जन बाघों का मूवमेंट है। बाघों के इस रहवासी क्षेत्रों में अति सतर्कता के लिए प्राय: मुनादी करा कर ग्रामीणों को न केवल सतर्क किया जाता है बल्कि उनसे इस आशय की भी अपील की जाती है कि स्थानीय या बाहरी लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल वन अफसरों और निकटतम पुलिस थानों को दें।
Created On :   13 Oct 2022 6:04 PM IST