मौसम का फिर बदला मिजाज, बारिश से तरबतर हुआ शहर
डिजिटल डेस्क,पन्ना। मार्च एवं अप्रैल माह में बेमौसम बारिश का कहर अन्नदाता किसानों के ऊपर बरप रहा है। मार्च माह में ओलावृष्टि तथा बारिश से किसानों को फसल क्षति के रूप में बडा नुकसान उठाना पडा। बेमौसम बारिश से जिलेभर में किसानों की फसलें बर्बाद हुईं परंतु उन्हें सरकार की ओर से राहत मिलेगी इसकी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। मार्च माह में जो असमय बारिश हुई थी तथा ओले भी गिरे थे उसके चलते फसलों को हुए नुकसान के लिए सर्वे का कार्य किए जाने के निर्देश जारी हुए थे किंतु इस सर्वे को लेकर जो जानकारी सामने आई उसमें जिले के मात्र १९ गांव जो ओलावृष्टि से सर्वे में प्रभावित माने गए हैं और इन्हीं १९ ग्रामों में फसल क्षतिपूर्ति के रूप में आरबीसी ६-४ के प्रावधानों के अनुरूप मुआवजा मिलने की बात कही जा रही है। जबकि किसानों का कहना है कि ओलों के साथ बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है और किसानों को हुए वास्तविक नुकसान को क्षतिपूर्ति के रूप में सर्वे में माना नहीं गया है। असमय बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों को नुकसान की भरपाई नहीं होने से उनकी स्थिति खराब हो गई है।
इस बीच असमय बारिश से अन्नदाता किसानों का अंत-अंत तक पीछा नहीं छोड रही है। अप्रैल के शुरूआती दिनों में मौसम सामान्य हो गया था और तेज धूप के साथ गर्मी पडने लगी थी परंतु बीते चौबीस घण्टे के दौरान मौसम का मिजाज तेजी के साथ बदलने के बाद आज देर शाम जोरदार बारिश हुई। जिला मुख्यालय स्थित पन्ना नगर में करीब आधा घण्टे से भी अधिक समय तक हुई बारिश से शहर तरबतर हो गया। सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ था और धूप गायब थी। शाम होने के साथ ही बारिश शुरू हो गई जो काफी देर तक चली। जिले के अन्य स्थानों में भी मौसम का मिजाज बदलने और बारिश के होने की जानकारियां सामने आईं हैं। वर्तमान समय में स्थिति यह है कि जिले में गेहूं की कटाई के साथ गहाई का कार्य भी चल रहा है और ऐसे में बारिश होने के चलते अंतिम स्थिति में गेहूं की फसल के बर्बाद हो जाने का बारिश होने पर खतरा बना हुआ है। अन्नदाता किसानों के खलिहानों में गहाई के लिए गेहूं की फसलें रखीं हुईं हैं। ऐसे भी किसान हैं जिनकी गहाई पूरी हो चुकी है और खलिहान में गेहूं पडे हुए हैं ऐसी स्थिति में बारिश के चलते अन्नदाता किसानों की फसल के साथ ही अनाज भी भींग रहा है।
मौसम में हो रहे बदलाव से बीमारी बढीं
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते मौसमी बीमारियां बढ रहीं हैं। बडी संख्या में मरीज बीमार होने के बाद जांच उपचार के लिए जिला चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। जिनमें सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या कहीं अधिक हो गई है। इसके अलावा बेचैनी, दर्द एवं वायरल फीवर आदि से पीडित मरीजों की संख्या भी बढी हुई है।
Created On :   9 April 2023 12:32 PM IST