- Home
- /
- राहुल आग्रेकर हत्याकांड के मुख्य...
राहुल आग्रेकर हत्याकांड के मुख्य आरोपी दुर्गेश ने किया सुसाइड
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑनलाइन लॉटरी कारोबारी राहुल आग्रेकर हत्याकांड के मुख्य आरोपी दुर्गेश बोकड़े ने रायपुर के एक लॉज में सुसाइट कर ली । पिछले कई दिनों से पुलिस को छका रहे दुर्गेश का शव रायपुर के गुप्ता लाज से बरामद किया गया है।
राहुल को जिंदा जला दिया था : दुर्गेश बोकड़े और पंकज हारोडे ने मिलकर पहले राहुल आग्रेकर का अपहरण किया फिर एक जंगला में उसे जिंदा जला दिए थे। सूत्रों केे अनुसार आरोपी पहले पेटीचूहा के जंगल में राहुल को गोली मारने वाले थे, लेकिन वहां वन विभाग के एक कर्मचारी ने बोलेरो को जंगल की ओर ले जाने पर टोका-टाकी की तो पंकज बोलेरो को अपने खेत पर ले गया। वहां पर काम कर रहे 73 वर्षीय वृद्ध से उसने कुछ बातें की। बाद में राहुल, दुर्गेश और पंकज तीनों बोलेरो से वापस चल दिए। इसी बीच, संभवत: कहासुनी के दौरान दुर्गेश ने राहुल के सिर पर डंडे से हमला कर दिया, जिससे वह बेहोश हो गया। गोली मारने की उनकी योजना धरी की धरी रह गई। उसके बाद आरोपियों ने राहुल आग्रेकर पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया।
हत्या के बाद कई रिश्तेदारों के घर गए थे आरोपी
राहुल आग्रेकर की हत्या करने के बाद आरोपी अपने की रिश्तेदारों के घर गए। लेकिन किसी को भी उन्होंने भनक नहीं लगने दी। राहुल का शव जलाने के बाद दोनों आरोपी सावनेर में दुर्गेश की नानी के घर गए थे। उसके बाद वहां से वह दोनों केलवद होते हुए छिंदवाड़ा में पंकज के मौसेरे भाई जैकी प्रजापति के घर पोवामा में गए। यहां पर रात का भोजन करने के बाद नरसिंहपुर के िलए रवाना हो गए। यहीं पर दुर्गेश और पंकज ने करीब 30 हजार रुपए मंगवाए। यह दोनों इतने शातिर हैं िक इन्होंने अपने बैंक खाते में रकम जमा करवाने के बजाय दूसरे के खाते में रकम मंगवाई। बाद में उसी बैंक खाता धारक का एटीएम लेकर रकम निकाल लिया। उसके बाद दुर्गेश और पंकज हावड़ा के लिए रवाना हो गए। जैकी के घर से पंकज और दुर्गेश ने दो स्वेटर भी लिया था। यह दोनों पैसे खत्म होने पर दूसरे के मोबाइल से फोन कर दोस्तों और रिश्तेदारों को बैंक के नए खाते का नंबर देकर उसमें रकम बुलाया करते थे।
दुर्गेश ने फेसबुक पर लाइक की थी फोटो : सूत्रों के अनुसार, दुर्गेश और पंकज राहुल को दारोडकर चौक से बोलेरो में बैठाने के बाद पहले बेला गए। वहां पर राहुल को एक खेती दिखाई। फिर नागपुर आए और मेडिकल चौक पहुंचे। उसके बाद पेटीचूहा के लिए निकले। यह भी पता चला है कि फरार होने के बाद आरोपी दुर्गेश ने नागपुर के एक दोस्त की फोटो को फेसबुक पर लाइक िकया था।। पंकज और दुर्गेश एय्याश भी थे। इन दोनों के संपर्क में कुछ युवतियां भी थीं, जिन तक पुलिस पहुंची थी।
राहुल के भाई जयेश का करने वाले थे पहले अपहरण
सूत्रों के अनुसार, दुर्गेश बोकड़े और पंकज हारोडे पर सट्टा के चलते ज्यादा कर्जबाजारी हो गई थी। दुर्गेश यह बात जानता था िक राहुल के पास हर दिन लाखों रुपए की आवक है। उसके परिवारवाले बड़ी रकम कभी भी दे सकते हैं। इसलिए दोनों ने उसके अपहरण की योजना बनाई। राहुल को इस बात की भनक तक लगने नहीं दिया कि दोनों ने उसके अपहरण की योजना बनाई। राहुल की हत्या करने के पहले पंकज और दुर्गेश उसके भाई जयेश का अपहरण करने वाले थे। पंकज ने अपनी बोलेरो के दो नंबर प्लेट 4 नवंबर को बनाया। 8 नवंबर को नंबर प्लेट लाया। एक नंबर प्लेट पर असली नंबर एम एच 49 बी- 7744 लिखवाया और दूसरी नकली नंबर प्लेट पर एम एच 40 ए- 3952 लिखवाया। नकली नंबर प्लेट को लगाकर 15 नवंबर को जयेश के अपहरण करने दुर्गेश और पंकज गए थे। उस दिन दुर्गेश ने तीन अलग- अलग मोबाइल नंबर से उसे फोन किया था। जयेश की शहीद चौक में मेडिकल दुकान पर दुर्गेश गया था। जयेश के अपहरण की योजना विफल होने पर राहुल के अपहरण की योजना को आरोपियों ने अंजाम देकर उसकी हत्या कर दी।
डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि, शव राहुल का ही
डीएनए रिपोर्ट आ चुकी है। वह शव राहुल आग्रेकर का ही है। डीएनए के लिए उसके माता-पिता का खून सैंपल जांच के लिए लिया गया था। उस खून के सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है यह जानकारी पुलिस उपायुक्त राहुल माकनीकर ने दी है। उल्लेखनीय है कि शव का चेहरा बुरी तरह जल जाने सेे शिनाख्त के लिए बाधा आ रही थी हालांकि घटनास्थल पर मिले सामान और शव को देखकर राहुुल की मां से शव राहुल का होने का ही अंदेशा पहले ही जताया था।
Created On :   1 Dec 2017 2:17 PM IST