संसद में गूंजा चंद्रपुर के प्रदूषण का मुद्दा

The issue of pollution of Chandrapur echoed in Parliament
संसद में गूंजा चंद्रपुर के प्रदूषण का मुद्दा
चंद्रपुर संसद में गूंजा चंद्रपुर के प्रदूषण का मुद्दा

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  जिले में बड़े पैमाने पर उद्योग बढ़ने से प्रदूषण की समस्या दिनों-दिन बढ़ रही है। चंद्रपुर शहर राज्य का प्रथम तथा देश के दूसरे क्रमांक का प्रदूषित शहर के रूप में पंजीकृत है, जिससे ताडाली स्थित स्टील प्लांट के प्रदूषण से विस्तारीकरण को अनुमति न देने की मांग चंद्रपुर के सांसद बालू धानोरकर ने लोकसभा में की। संसद के शीतकालीन अधिवेशन में वे लोकसभा में बोल रहे थे। चंद्रपुर जिले में 5500 मेगावाट बिजली निर्मिती होती। इसी के साथ 6 सीमेंट उद्योग, 10 स्टील उद्योग, बल्लारपुर पेपर मिल सहीत 48 कोयला खदान है।  चंद्रपुर शहर समीप महाऔष्णिक बिजली केंद्र से 2920 मेगावॅट बिजली निर्मिती की जाती। इसमें से युनिट क्रमांक तीन तथा चार 1985 से प्रती 210 बिजली निर्मिती होती। उसे 37 वर्ष हुए है। कोयले पर बिजली निर्मिती करने वाले युनिट की क्षमता 25 वर्ष रहती है। ऐसा रहने के बावजूद पिछले 10-12 वर्ष से मर्यादा से अधिक समय बिजली निर्मिती करने से प्रदूषण बढ़  गया है। यह रिपोर्ट महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने दी है। महाराष्ट्र सरकार ने इसकी मर्यादा 2030 वर्ष तक क्यों बढाई ऐसा सवाल सांसद बालू धानोरकर ने उपस्थित किया।चंद्रपुर जिला पहले ही प्रदूषण की मार झेल रहा है। एमआयडीसी ताडाली में ग्रेस स्टील प्लांट के विस्तार की अनुमति न देने की मांग सांसद धानोरकर ले की। 
 

Created On :   20 Dec 2022 1:36 PM IST

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