भूपेश सरकार में देश में बढ़ रही छत्तीसगढ़ की पहचान

The identity of Chhattisgarh is growing in the country under Bhupesh government
भूपेश सरकार में देश में बढ़ रही छत्तीसगढ़ की पहचान
लौट रहा गौरव और आत्म सम्मान भूपेश सरकार में देश में बढ़ रही छत्तीसगढ़ की पहचान
हाईलाइट
  • समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान CM

डिजिटल डेस्क,रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यकाल को तीन साल हो गए। यह समय का पहिया, कब और कैसे आगे बढ़ जाता है, पता ही नहीं चलता। कोरोना की वजह से दहशत और लॉकडाउन में अनेक चुनौतियां आई। जिस तरह से समय का पहिया आगे बढ़ता गया, ठीक वैसे ही छत्तीसगढ़ में विकास का पहिया चुनौतियों के बीच कभी थमा नहीं। प्रत्येक मुश्किलों और बाधाओं में भी छत्तीसगढ़ की सरकार जनता के लिये, जनता के साथ खड़ी रही। अपनी योजनाओं और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से सम्मान हासिल करने के साथ छत्तीसगढ़ देश में अपनी एक अलग पहचान भी बनाता जा रहा है।

देश में अपनी एक अलग पहचान बनाता जा रहा है छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में राहतों का सिलसिला प्रारंभ हुआ। किसान जो हमारे प्रदेश की शान हैं, उनके हित में फैसले लिये गए।  वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. का कृषि ऋण, 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ किया। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन वापिस कर दी। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा कर दिया। बिजली बिल हाफ करने के साथ ही 19.78 लाख गरीब परिवारों को 30 यूनिट तक निःशुल्क बिजली की सुविधा से लाभान्वित किया गया।

महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस की शुरूआत की गई। गरीबी की वजह से बीमारी का इलाज नही करा पाने वाले लोगों को जहां सरल व सहज स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई, वहीं महिलाओं, किशोरियों को पोषण आहार, जरूरतमंद सभी गरीब परिवारों को पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की नई पहल की। मुख्यमंत्री ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना लागू कर प्रदेश के 56 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए तक का उपचार, 9 लाख परिवारों को 50 हजार रुपए तक इलाज की सुविधा दी। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 20 लाख रुपये तक उपचार की सुविधा देने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य भी बन गया।

माटी से जुड़े सीएम बघेल
सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की माटी में पले-बढ़े हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ की भौगोलिक जानकारी होने के साथ यहां की समस्याओं की जानकारी है। इसलिये उन्होंने गरीबों को लक्ष्य बनाकर उनसे जुड़ी ऐसी योजनाएं बनाई, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण साबित हुई। उन्होंने गरीब बच्चों को अंग्रेजी और बेहतर शिक्षा से जोड़ने के लिये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना प्रारंभ की और आने वाले कल को एक बेहतर भविष्य से जोड़ने का प्रयास किया।

समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान

उनके द्वारा मोहल्ले में ही समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना, बंद हो चुकी पौनी-पसारी परम्परा को जीवित करने और पारम्परिक व्यवसाय का माहौल तैयार करने पौनी-पसारी योजना, शासकीय और सार्वजनिक स्थलों को प्रमुख मार्ग से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना, वनवासी परिवारों को लाभान्वित कर उन्हें आर्थिक मदद पहुचाने शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना, गांव और खेतों तक पहुचने धरसा विकास योजना, प्रदेश में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, गरीब और जरूरतमंद कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, आवास विहीन और कई दशकों से घर बनाकर रह रहे शहरी गरीब परिवारों को पट्टा एवं आवास, बेराजगार युवाओं को रोजगार से जोड़कर उन्हें विकास की दिशा में आगे बढ़ाने की नई पहल ई-पंजीयन से निर्माण कार्यों का ठेका, कोरोना में मृत सेवकों के आश्रितों को अनुकम्पा देने के साथ नियमों में छूट के साथ राहत राशि, कोरोना में अनाथ बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना, प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण और पिछड़े अंचलों के विकास के लिए पांच नए जिले का निर्माण, नई तहसीलों और नगर पंचायतों का गठन, छत्तीसगढ़ में भगवान बुद्ध और श्री राम के आगमन से जुडे़ स्थल सिरपुर और राम वन गमन पर्यटन परिपथ के रूप में विकास करने सहित राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने हर साल आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

 

संस्कृति, परम्पराओं में घुले-मिले सीएम बघेल

सीएम बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा में घुले-मिले हुये हैं। समय के साथ हाशिये पर जाती यहां की परम्परा और विरासत कों सहेजने से लेकर तीज-त्यौहारों को पुनर्जीवित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को जितना भी आंका जाये, कम है। वे अपने निवास में हरेली-तीजा-पोरा सहित अन्य पर्व पर विशेष आयोजन कर प्रदेश की जनता को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश देते ही हैं, गांव-गांव में मड़ई मेला का आयोजन और महत्वपूर्ण तीज-त्यौहारों में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर सभी को अपने पर्व से जुड़े रहने का अवसर भी उन्हीं की देन है।

 

सीएम के रूप में भूपेश की कार्यशैली

विगत तीन साल में मुख्यमंत्री के रूप में उनकी कार्यशैली गरीबों से लेकर किसानों और छत्तीसगढ़ के विकास से जुड़ी रही है। कोरोना के बीच भी अधोसंरचना से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों, शासकीय भवनों, सड़कों और पुलों के निर्माण कार्य प्रदेश में कराए गए। नक्सल सहित अन्य जिलों में सड़कों और पुलों के निर्माण के दिशा में काम हुए। आदिवासी अंचलों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का काम किया गया है। बस्तर अंचल में सैकड़ों बंद पड़े स्कूलों को शुरू किया गया। सरगुजा और बस्तर में जहां मलेरिया से सैकड़ों मौतें हुआ करती थीं, उनके ही निर्देश पर अभियान चलाकर मलेरिया को नियंत्रित किया गया। छोटे भू-खण्डों की खरीदी, जमीन की गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी जैसी कल्याणकारी कदम हो या आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं सहित छत्तीसगढ़ को स्वच्छ बनाने वाली स्वच्छता दीदीयों का मानदेय बढ़ाने का मामला, उन्होंने तत्काल फैसले लेकर राहत पहुचाई। 

Created On :   16 Dec 2021 3:28 PM IST

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