बंगाल के राज्यपाल ने बांग्ला का पहला पाठ पढ़ा, बोले : मुझे इस भाषा से प्यार है

The Governor of Bengal read the first lesson of Bengali, said: I love this language
बंगाल के राज्यपाल ने बांग्ला का पहला पाठ पढ़ा, बोले : मुझे इस भाषा से प्यार है
पश्चिम बंगाल बंगाल के राज्यपाल ने बांग्ला का पहला पाठ पढ़ा, बोले : मुझे इस भाषा से प्यार है

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पारंपरिक मान्यता का सम्मान करते हुए कि सरस्वती पूजा हाते खड़ी के लिए सबसे शुभ अवसर है, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में बांग्ला सीखने का अपना पहला पाठ लिया। ममता इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं। बोस ने समारोह में भाषा के प्रति अपना प्रेम और प्रशंसा प्रकट करते हुए बांग्ला में कुछ पंक्तियां भी बोले।

ताज भवन के लॉन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, मैं बांग्ला सीखूंगा। बांग्ला एक प्यारी भाषा है। मुझे बंगाल से प्यार है। मैं बंगाल के लोगों से प्रेम करता हूं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राष्ट्रीय नेता, मेरे नायक हैं। जय बांग्ला। जय हिंद। आमंत्रित किए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। शुभेंदु अधिकारी के अनुसार, हाते खड़ी कार्यक्रम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षा क्षेत्र में घोटालों को छुपाने के लिए चालाकी से आयोजित किया गया था। घोटाले में शामिल पूर्व शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी सलाखों के पीछे हैं।

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि राज्यपाल को भविष्य में राज्य सरकार के इस तरह के चालाकी भरे कार्यक्रमों का हिस्सा बनने से सावधान रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाते खड़ी समारोह को संबोधित करते हुए याद किया कि कैसे महात्मा गांधी ने 1940 में बांग्ला सीखना शुरू किया था।उन्होंने कहा, यहां तक कि महात्मा गांधी के पोते और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी बांग्ला सीखने के इच्छुक थे। बांग्ला भारत में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। लेकिन हम बंगाली अन्य भाषाओं को भी सीखने के इच्छुक हैं। मैं हमेशा किसी भी जगह की स्थानीय भाषा सीखने पर जोर देती हूं, क्योंकि यह वहां के लोगों की बात समझने में मदद करती है।

वयोवृद्ध सीपीआई (एम) नेता और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बसु को भी आमंत्रित किया गया था, हालांकि वह रस्म शुरू होने से पहले ही कार्यक्रम स्थल से चले गए।बोस ने कहा, हाते खड़ी एक रस्म है, जिसमें हम बचपन में हिस्सा लेते थे। मुझे इस उम्र में इस रस्म में शामिल होने का कोई कारण नहीं दिखता। कुछ चीजें हैं, जिनसे बचना चाहिए। यह ऐसा आयोजन था, जिसे टाला जा सकता था।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   26 Jan 2023 9:00 PM IST

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