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बकरियां तो लौट आयीं लेकिन नहीं लौटा चरवाहा
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । गांव के पास स्थित जंगल में अपनी बकरियां चराने गए चरवाहे पर बाघ ने हमला कर दिया। इसके बाद उसे डेढ़ किमी तक घसीटते ले गया, जिसमें चरवाहे देवराव सोपनकर की मौत हो गई। यह घटना 14 दिसंबर की शाम 5 बजे मूल तहसील अंतर्गत कांतापेठ गांव के पास हुई। घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई है।
मूल तहसील के कांतापेठ निवासी देवराव लहानु सोपनकर (55) बुधवार की सुबह गांव से सटे जंगल में बकरियां चराने गया था। शाम होने के बाद चरने गई बकरियां लौट आई किंतु चरवाहे के न लौटने पर देवराव के पुत्र ने अन्य ग्रामीणों के साथ जंगल में तलाश शुरू की। इस दौरान गांव से लगभग 4 किमी दूरी पर चिरोली नियतक्षेत्र नं. 720 में देवराव का खून से सना शव मिला। शव को देखकर अनुमान लगाया कि देवराव पर बाघ ने हमला कर लगभग डेढ़ किमी तक घसीटते ले गया जिसमें उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना वनविभाग के स्थानीय अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही चिचपल्ली वनपरिक्षेञ अधिकारी प्रियंका वेलमे और पुलिस अधिकारी अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए मूल उपजिला अस्पताल में भेज दिया है। दो महीने पूर्व भी कांतापेठ परिसर के खेत में काम कर रही महिला पर बाघ ने हमला कर दिया था जिसमें महिला की मौत हो गई थी। इसलिए ग्रामीणों में वनविभाग के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है और हमला करने वाले बाघ के बंदोबस्त की मांग कांतापेठ वासियों ने की है।
Created On :   15 Dec 2022 1:14 PM IST