मनपा पर लगे जुर्माने पर अब अगले वर्ष होगी सुनवाई  

The fine imposed on Municipal Corporation will now be heard next year
मनपा पर लगे जुर्माने पर अब अगले वर्ष होगी सुनवाई  
केंद्रीय हरित प्राधिकरण ने लगा रखा है 47 करोड़ रुपए का जुर्माना मनपा पर लगे जुर्माने पर अब अगले वर्ष होगी सुनवाई  

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती मनपा क्षेत्र में सुकली कंपोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण पर मनपा द्वारा नियंत्रण पाने में विफल होने के चलते केंद्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगाए गए 47 करोड़ 21 लाख रुपए के जुर्माने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी व जस्टिस सी.टी. रविकुमार के समक्ष सुनवाई हुई। न्यायालय ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद इस मामले की गंभीरता को भांपते हुए याचिकाकर्ता को अपनी बात विस्तृत रूप से न्यायालय के समक्ष रखने के लिए समय देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में निश्चित की है।  47 करोड़ के जुर्माने पर सुप्रीम कोर्ट मेंे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वसुंधरा संस्था के अध्यक्ष गणेश अनासाने ने कहा कि इससे पहले मनपा की ओर से प्रदूषण बढ़ाया जा रहा था। किंतु अब मनपा द्वारा निश्चित किया गया ठेकेदार की लापरवाही से कंपोस्ट डिपो से प्रदूषण बढ़ रहा है और पर्यावरण का भारी नुकसान हो रहा है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के पक्ष को गंभीरता से लेते हुए अनासाने को अपना विस्तृत कहना न्यायालय के समक्ष लिखित रूप में प्रस्तुत करने के लिए और समय दिया और इस मामले पर आगामी सुनवाई जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में निश्चित की है। जानकारी के अनुसार मनपा क्षेत्र के सुकली कंपोस्ट डिपो में जमा होनेवाले कचरे से वर्ष 2009 से 2019 तक 10 वर्ष के कार्यकाल में जो पर्यावरण का नुकसान हुआ उस पर नियंत्रण पाने में मनपा प्रशासन विफल रहने के कारण वसुंधरा संस्था के गणेश अनासाने ने केंद्रीय हरित प्राधिकरण में मनपा के विरुध्द याचिका दायर की थी। 

याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्रीय हरित प्राधिकरण में 10 वर्ष तक हुए पर्यावरण के नुकसान के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर 47 करोड़ 21 लाख का जुर्माना ठोका था। राष्ट्रीय हरित लवाद के इस फैसले के विरोध में मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मनपा ने केंद्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगाया गया 47 करोड़ 21 लाख के जुर्माना अदा करने के लिए स्वयं को अक्षम बताते हुए यह जुर्माना रद्द करने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगनादेश देते हुए यह याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार की थी।  कोरोना काल के चलते सभी न्यायालयीन कामकाज लगभग 1 वर्ष ठप पड़ा था। उसके बाद अब यह मामला फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई  के लिए ली गई थी। सोमवार 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में जस्टीस अजय रस्तोगी व जस्टीस सी. टी. रविकुमार के समक्ष  हुई सुनवाई के समय मनपा की ओर से एड. अनशुला ग्रोवर, एड. संग्रामसिंह भोसले, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एड. मुकेश वर्मा व एड. शशांक सिंग तथा जिलाधीश की ओर से एड. सचिन पाटील और याचिकाकर्ता स्वयं गणेश अनासाने सुनवाई के समय सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित रहकर दलीले दी। 

Created On :   22 Nov 2022 3:50 PM IST

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