नाला पार कर ले जाना पड़ता है शव

The dead body has to be carried across the drain
नाला पार कर ले जाना पड़ता है शव
नागरी सुविधाओं का अभाव नाला पार कर ले जाना पड़ता है शव

डिजिटल डेस्क, बालापुर(अकोला)।  कहते हैं कि मरने के बाद सभी यातनाओं के मुक्ति मिल जाती है। परंतु आज देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष होने के बाद भी अनेक गावों में जरुरी नागरी सुविधाओं से नागरिक वंचित है। इन गावों में अंतिम संस्कार के लिए भी अनेक समस्याओं का सामना करते हुए अंतिम संस्कार करना पड़ता है। इसी कड़ी में बालापुर तहसील के खुरपुरी बु. ग्राम में इसी प्रकार की घटना साने आई। खुरपुरी बु. ग्राम के नाले पर पुल न होने से बारिश के दिनों में कमर से उपर पानी बहता है। इस कारण बारिश के दिनों में किसी की मौत होने पर उसकी अंतिम विधि के लिए इस पानी से होकर गुजरना पड़ता है।

स्वतंत्रता के अमृत महोत्सवी वर्ष में भी बालापुर तहसील के खुरपुरी बु. गांव में मोक्षधाम तक पहुंचने के लिए किचड और कमर कर पानी के होकर गुजरना पड़ता है।विगत 22 वर्ष पूर्व नाले के उस पार अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम का निर्माण किया गया। परंतु अभी तक इस नाले पर पुल का निर्माण नहीं किया गया है। इस कारण बारिश के दिनों में किसी की मौत होने पर स्थानीय वासियों को नाले के पानी से गुजरकर मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करना पड़ता है। इस विदारक परिस्थिति को देखते हुए नागरिकों की ओरसे केवल पद के लिए प्रतिनिधि इस गांव में आते है परंतु इस गांव वासियों की दुर्दशा की ओर इनका ध्यान नहीं जाने की प्रतिक्रिया नागरिक व्यक्त कर रहे है।
 

Created On :   12 Aug 2022 5:16 PM IST

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