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घोणस इल्ली के स्पर्श से बिगड़ी मजदूर की हालत
डिजिटल डेस्क, चिमूर (चंद्रपुर)। सावरी (बी) ग्राम पंचायत अंतर्गत सड़क के समीप पेड़ों को पानी देने तथा कचरा निकालने का काम शुरू है। इस कार्य पर 5-6 मजदूर थे। एक मजदूर पेड़ का कचरा निकालने गया था। इस दौरान उसके साथ के पेड़ के पत्तों पर बैठी घोणस इल्ली ने स्पर्श किया। जिसके बाद उसका हाथ ढीला पड़ गया, हाथ में चीटी आना शुरू हुआ ओर वह कमजोर पड़ गया। मजदूर का नाम रामकिसन पाचुजी सोनवाने (54) सावरी (बी) निवासी बताया गया। घोणस इल्ली के काटने पर विषबाधा जैसी हालत हाेने की घटना से किसान तथा मजदूरों में भय व्याप्त है।
बता दें कि सावरी निवासी कलावती मुंडरे इस महिला को घोणस इल्ली का स्पर्श होने पर वह बीमार हुई थी। आज रामकिसन की तबीयत बिगड़ने पर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सावरी (बी) में भर्ती किया गया। जहां डॉक्टर ने उस पर उपचार करने पर चार घंटे बाद उसकी तबीयत ठीक हुई और अब वह स्वस्थ्य है। इसकी जानकारी चिमूर तहसील कृषि विभाग को मिलने पर कृषि विभाग का पथक सावरी (बु) पहुंचकर मरीज से पूछताछ की। मरीज ने उस इल्ली को पकड़कर अस्पताल लाया था। जिसे कृषि विभाग ने वरोरा आनंद निकेतन महाविद्यालय के कृषि विभाग में रिसर्च के लिए भेज दिया हैै। दो दिन में घोणस इल्ली के दो मरीज मिलने से किसान व मजदूरों में भय व्याप्त है। इस संदर्भ में टाटा अॅग्रो फाउंडेशन ने संज्ञान लेने की जानकारी है।
बिच्छू के डंक की तरह होती है विषबाधा
घोणस इल्ली पालीफॅडस है। यह एक विशिष्ट फसलों पर नहीं रहती। जंगल के पेड़ों, घास पर रहती है। इल्ली के काटने पर बिच्छू काटने जैसे विषबाधा होती है। जिस जगह पर वह काटती है वहां जलन होती है। इल्लियों को वरोरा के आनंद निकेतन महाविद्यालय के कृषि विभाग में संशोधन के लिए भेजा गया है। किसानों को इस इल्ली से सतर्क रहना चाहिए। - जी.एस. भोयर, प्रभारी तहसील कृषि विभाग, चिमूर
4 घंटे में हो गया स्वस्थ
मजदूर के हाथ में घोणस इल्ली का स्पर्श होने पर मरीज की हालत बिगड़ी थी। इंजेक्शन देकर मरीज को निगरानी में रखा गया। चार घंटे में वह स्वस्थ हुआ।
डॉ शुभांगी मदनकर ( अगडे), वैद्यकीय अधिकारी प्रा.स्वा.कें.सावरी (बी) तहसील चिमूर
Created On :   24 Sept 2022 3:45 PM IST