कलेक्टर ने अब पढाई नही रूकेगी अंतर्गत ‘‘हमारा घर-हमारा विद्यालय‘‘ अभियान की शुरूआत की

The collector has now started the Hamara Ghar-Hamara Vidyalaya campaign under the will not stop studying
कलेक्टर ने अब पढाई नही रूकेगी अंतर्गत ‘‘हमारा घर-हमारा विद्यालय‘‘ अभियान की शुरूआत की
कलेक्टर ने अब पढाई नही रूकेगी अंतर्गत ‘‘हमारा घर-हमारा विद्यालय‘‘ अभियान की शुरूआत की

डिजिटल डेस्क, सागर। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के अनुसार शिक्षण-सत्र 2020-21 हेतु ‘‘हमारा घर-हमारा विद्यालय‘ अभियान की शुरूआत कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने कलेक्टर सभाकक्ष में जिले के समस्त प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के प्राचार्यों से बेबीनार के माध्यम से सोमवार को की। इस अवसर पर प्रभारी जिला षिक्षा अधिकारी डा वायएस राजपूत, डीपीसी श्री एचपी कुर्मी, एपीसी डा. गिरीष मिश्रा, राजकुमार असाटी, कमलेष चढ़ार सहित विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

कलेक्टर ने बेबीनार के माध्यम से समस्त प्राचार्यों से कहा कि सभी विद्यार्थियों के लिए ‘‘हमारा घर हमारा विद्यालय‘ अभियान का शुभारभ आगामी 06 जुलाई से किया जा रहा है। जिसमें विद्यार्थियों को पालकी के सहयोग से पढ़ने लिखने, रेडियो कार्यक्रम , डिजीलेप वीडियोज के माध्यम से अध्ययन की गतिविधियों को पूर्ण किया जाना आवश्यक होगा । अभियान अन्तर्गत प्रतिदिन पालकों द्वारा 06 जुलाई 2020 से प्रतिदिन सुबह 10 बजे घंटी, थाली बजाकर शुरू किया जाएगा एवं दोपहर 1 बजे घंटी अथवा थाली बजाकर अवकाश भी किया जाएगा । सांय 4 से 5 बजे तक (कक्षा 1 से 8), खेलकूद एवं कलात्मक गतिविधियों के लिए समय होगा । सायं 7 से 8 बजे तक घर के वरिष्ठ सदस्यों दादा-दादी, नाना-नानी आदि से कहानी सुनना। शनिवार को मस्ती की पाठशाला, रेडियो बालसभा का आयोजन किया जाएगा ।

सभी प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक प्रत्येक बच्चे को पाठ्य-पुस्तक एवं दक्षता उन्नयन की वर्क-बुक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। इस कार्यक्रम में परिवार की अहम भूमिका है जिसमें पालको द्वारा बच्चों का शिक्षा का स्थान या शिक्षा का कोना निर्धारित करते हुए घंटी या थाली बजाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना एवं निर्धारित समय पर निर्धारित विषय का अध्ययन करने के लिए प्रेरित करेंगे। बच्चों को आवश्यक स्टेशनरी सुबह 10 से दोपहर 1 बजे की गतिविधि अनुसार यथासंभव पेंसिल, कापी, स्केच पेन, कलर पेंसिल, पुराने पेपर आदि उपलब्ध कराएंगे। बच्चे पूरे सप्ताह की गतिवधियों के आधार पर 1 से 2 मिनिट का ऑडियो रिकार्डिंग या वीडियो तैयार करके अपने शाला ग्रुप पर भेजेंगे। इसमें पालक मदद करेंगे। बच्चों को कार्यक्रम के समय मोबाईल एवं रेडियो कार्यक्रम सुनने हेतु यथासंभव रेडियो की सुविधा उपलब्ध कराना। इस कार्यक्रम की सफलता और विद्यार्थियो के सतत् अध्ययन के लिए शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शिक्षक की भूमिका-शिक्षक प्रतिदिन 5 पालकों से टेलीफोनिक वार्तालाप करते हुए सुझाव देंगे और समस्याओं को निराकृत भी करेंगे।

विद्यालय समय में गृह संपर्क के लिए गांव, शहर, मोहल्ले, वार्ड में 5 घर-घर जाकर संपर्क अभियान करना है। अवलोकन के समय बच्चों की समस्याओं को पूछकर उसका निराकरण करेंगे। अवधारणा में उल्लेखित गतिविधियों का अवलोकन एवं आंकलन करना होगा तथा अपना फीडबैक डायरी में प्रस्तुत करना होगा। बच्चों से गृहकार्य, अभ्यास पुस्तिकाओं पर कार्य, लेखन की जांच करना, मौखिक गणित पर चर्चा करना एवं उनकी समस्याओं का समाधान करना। कक्षा में दर्ज प्रत्येक विद्यार्थी से कक्षा शिक्षक का सतत संपर्क रहेगा, यदि कोई विद्यार्थी किसी भी विषय में पीछे है तब शिक्षक स्वयं घर जाकर संपर्क कर आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगें। अध्यापक की भूमिका-विद्यालय के शिक्षकों से चर्चा कर उनसे प्रतिदिन 5 अभिभावकों से चर्चा कर बच्चों को उसके अनुसार पढ़ाई कराने हेतु प्रेरित प्रतिदिन 5 विद्यार्थियों के घर जाकर शिक्षकों को आवंटित कार्य को देखेंगे एवं रिकार्ड, मूल्याकन-सभी जिला एवं विकासखंड स्तर पर मानीटरिंग अधिकारी ( बीआरसी , बीएसी बच्चों एवं उनके घरों तक पहुच रही है या नहीं । वे शिक्षको एवं पालको की समस्याओं एवं सीएसी) इस अभियान की मांनीटरिंग करते हुए सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिदिन सामग्री जानकारी लेंगे । इसी प्रकार 5 पालकों से भी जानकारी लेंगे कि ‘‘हमारा घर-हमारा का समाधान करेंगे और प्रतिदिन शिक्षको से चर्चा कर अभियान के क्रियान्वयन की 6 जुलाई 2020 से मोबाईल एप “एम-शिक्षा मित्र‘ पर एक नये माड्यूल को जोड़ा गया है।

इसे ‘‘शिक्षा-सेतु‘‘ के नाम से अपडेट किया गया है जो सभी शिक्षको, प्रधानाध्यापक एवं जनशिक्षक के लिए डिजीटल शासकीय कार्य करने के लिए आवश्यक होगा । इसी ऐप के माध्यम से प्रतिदिवस उपरोक्त सभी को फीडबैक देना अनिवार्य होगा । पंचायत एवं स्थानीय प्रशासन- जिन स्थानों पर नेटवर्क की दिक्कत है वहां पर करेंगे । विद्यालय ‘‘ अभियान की क्या प्रगति है। पंचायत भवनों में एलईडी के माध्यम से अध्यापन कार्य कराया जाए। इन कक्षाओं में सोशन डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए । इस अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का एवं समस्त नागरिकों का सहयोग लिया जाए।

बच्चों के शैक्षणिक गतिविधियों के लिए घर में विद्यालय जैसा वातावरण निर्मित किया जाए। समस्त शिक्षक घर-घर संपर्क कर कक्षा -1 से 8 में प्रवेश हेतु बच्चों को शाला में प्रवेश देंगे। ग्राम या बसाहट में अप्रवासी मजदूरों के बच्चों को आयु अनुरूप कक्षाओं में प्रवेश कराना सुनिश्चित करें एवं उनको पाठ्यपुस्तक उपलब्ध कराएं। उपरोक्त समस्त निर्देशो के साथ क्पहपसमच के माध्यम से चलायें गए ‘‘अब पढाई नही रूकेगी के अन्तर्गत हमारा घर-हमारा विद्यालय अभियान को गंभीरता से लेते हुए जारी रखा जाना और समय-समय पर दिये गए निर्देशो का अनुपालन आवश्यक है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नही की जाये।

Created On :   6 July 2020 3:57 PM IST

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