मृत्यु के बाद भी तीन लोगों को जीवन दे गई टाकरखेड़ा की सीमा

The border of Takarkheda gave life to three people even after death
मृत्यु के बाद भी तीन लोगों को जीवन दे गई टाकरखेड़ा की सीमा
अमरावती मृत्यु के बाद भी तीन लोगों को जीवन दे गई टाकरखेड़ा की सीमा

डिजिटल डेस्क, टाकरखेड़ा संभू(अमरावती)। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी होकर उपचार के दौरान ब्रेनडेड घोषित हुई भातकुली तहसील के टाकरखेड़ा संभू की 38 वर्षीय सीमा नामक सुकन्या के ससुरालवालों ने उसका देहदान कर तीन लोगों को जीवनदान दिया है। दुख की इस घड़ी में भी भालचक्र व भगत परिवार द्वारा लिया गया यह निर्णय समाज के लिए आदर्श रखनेवाला है। 
टाकरखेड़ा संभू निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक घनश्याम भालचक्र की सुकन्या सीमा का विवाह 15 वर्ष पहले जलगांव निवासी राजेश भगत के साथ हुआ। उन्हें दो संतान भी है। उनका वैवाहिक जीवन सुचारू चल रहा था। वहीं जलगांव में दीपावली के आठ दिन पहले यानि 16 अक्टूबर को दुर्घटना में सीमा जख्मी हुई। जिसमंे उसके मस्तिष्क को गंभीर चोट आने से डॉक्टरों ने उसका ब्रेन डेड घोषित किया। इस दुर्घटना से भगत और भालचक्र दोनों परिवार टूट चुके। निश्चित क्या करना यह उनके समझ में नहीं आ रहा था। इसी बीच अस्पताल में भर्ती रहते समय डॉक्टरों ने सीमा के जीवित रहने की कोई आशंका नहीं रहने की बात कही थी। इस संकट की घड़ी में दोनों परिवार पर दु:ख का पहाड़ टूटते हुए भी भालचक्र और भगत परिवार ने मृत्यु से पूर्व उसके शरीर के शुरू रहनेवाले हिस्से का दान करने का निर्णय लिया और दीपावली के दिन सीमा ने तीन परिवार को जीवनदान दिया। सीमा की दो किडनियां और यकृत दान किया गया और तत्काल सीमा ने अंतिम सांस ली। औरंगाबाद विभाग के जोनल ट्रान्सप्लांट कोऑर्डिनेटर डॉट. कमिटी की ओर से उसका यकृत व दो किडनी मरीजों काे दान किए गए। झेडटीसीसी के कोऑप्ट सदस्य राजेशसिंग सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में देहदान की यह प्रक्रिया पूर्ण हुई। तीन लोगों के रूप में आज भी सीमा जीवित रहने की प्रतिक्रिया उसके पति राजेश भगत व पिता घनश्याम भालचक्र ने दी। 
 

Created On :   1 Nov 2022 2:35 PM IST

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