प्रशासन की सतर्कता से "बालिका वधू' बनने से बची किशोरी 

Teenager saved from becoming Balika Vadhu due to the vigilance of the administration
प्रशासन की सतर्कता से "बालिका वधू' बनने से बची किशोरी 
टीम ने जाकर रोका प्रशासन की सतर्कता से "बालिका वधू' बनने से बची किशोरी 

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिले की मुलचेरा तहसील के एक गांव में  बाल विवाह शुरू होने की जानकारी मिलते ही जिला महिला व बाल विकास कार्यालय की टीम ने कार्रवाई करते हुए शाम को तय किये गये विवाह को दिन में ही रोक दिया। इस समय विभाग की टीम ने वधू और वर पक्ष की समझाइश कर बाल िववाह न करवाने की सूचना दी। साथ ही दोनों पक्ष से शपथ पत्र भी लिखवाकर लिये गये। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुलचेरा तहसील के एक गांव में गुरुवार को विवाह का आयोजन किया गया था। लेकिन वधू की उम्र 18 वर्ष से कम होने की शिकायत जिला महिला व बाल विकास कार्यालय को मिलते ही विभाग की टीम गांव के सरपंच पवन मंडल, पुलिस पटेल नागेन सेन, आंगनवाड़ी सेविका दीपू सरकार ओमियो सेन की उपस्थिति में वर के घर पहुंची। इस समय वर और वधू के दस्तावेजों की जांच की।

जांच के दौरान वर की उम्र 20 वर्ष 3 माह और वधू की उम्र 17 वर्ष 4 महीने पायी गयी। नियमानुसार यह उम्र विवाह के लिए योग्य नहीं है। बाल विवाह रचाने पर संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इस बात की समझाइश टीम के अधिकारियों ने दोनों पक्ष के लोगों में की। साथ ही शाम के समय तय इस बाल विवाह को दोपहर में ही रोक दिया। यह कार्रवाई जिला महिला व बाल विकास अधिकारी प्रकाश भांदककर के मार्गदर्शन में जिला बाल सुरक्षा अधिकारी अविनाश गुरनुले, बाल सुरक्षा सुरक्षा अधिकारी प्रियंका आसुटकर, सामाजिक कार्यकर्ता जयंत जथाडे, मुलचेरा के सुरक्षा अधिकारी महेंद्र मारगोनवार, तनोज ढवगाये, क्षेत्र कार्यकर्ता रवींद्र बंडावार, लेखापाल पूजा धमाले आदि ने की। इस कार्रवाई के लिए मुलचेरा के प्रभारी गुट विकास अधिकारी मनोहर रामटेके और मुलचेरा के बाल विकास प्रकल्प अधिकारी विनोद हाटकर ने विशेष सहयोग प्रदान किया। 


 

Created On :   4 Nov 2022 3:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story