शिक्षक संगठन ने शिक्षकों की तबादला नीति को बताया विसंगतिपूर्ण, संशोधन की उठी मांग कहा, सरकारी नीति के विपरीत अतिशेष शिक्षकों के हो रहे तबादले
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में घोषित तबादला नीति से शिक्षक संगठन खुश नहीं है। शिक्षक संगठनों ने तबादला नीति को विसंगतिपूर्ण बताते हुए इसमें संशोधन की मांग की है। मप्र शिक्षक कांग्रेस ने इस नीति के मुताबिक तबादलों में पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष सुभाष सक्सेना ने कहा प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरन कि कंडिका में अतिशेष की गणना करते समय उल्लेख किया है कि जो शिक्षक सबसे पहले से शाला में पदस्थ है उसे अन्य शाला में ग्रामीण क्षेत्रो में भेजा जाएगा। इस सम्बंध में संगठन का अनुरोध है कि सामान्य प्रशासन विभाग की नीति में अति शेष की स्थिति में विगत अनेक वर्षो से यह सिद्धांत प्रतिपादित किया है जो सबसे बाद में आया है वह पहले जो जाएगा। उन्होंने कहा कि विगत दशकों से स्कूल शिक्षा विभाग में भी इसका का पालन किया जा रहा है। विदित हो कि अतिशेष युक्त करण की ऐसी नीति कभी नही बनी है।
सुभाष सक्सेना ने कहा कि जैसा कि स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति में उल्लेख किया गया है कि राज्य शासन से पत्राचार करने की मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों को छूट प्राप्त होगी, परन्तु पूरे प्रदेश के अनेक जिलों के अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण से छूट नही दी जा रही है और पदाधिकारियों को अनेक बहाने बनाकर शासन की नीति को नकारते करते हुए, मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
इनकी हो जांच
इस सम्बंध में संगठन का यह भी कहना है कि प्रदेश के बढ़े शहरों (जबलपुर, इंदौर जैसे शहर) में विशेषकर भोपाल प्रदेश की राजधानी होने के कारण पूरे प्रदेश एवं ग्रामीण क्षेत्रो से शिक्षक सोर्स, सिफारिश एवम अन्य साधनों से एन केन प्रकारण अपना पदांकन उन स्कूलों में कब्जा लिया है, जिनमे एक भी पद रिक्त नही है ऐसी स्थिति में उस शिक्षक की क्या गलती है जो पहले से पदस्थ है, अत: संगठन की मांग है कि किन किन शालाओं में शिक्षक बिना रिक्त पद के आ गये है उनकी जांच करवाई जाकर बाद में आने वाले शिक्षकों को अन्य शालाओं में पदस्थ किया जाए।
शिक्षक लगा रहे दफ्तरों के चक्कर
वर्तमान में 10,12, 8, 5 की परीक्षा चल रही है अप्रैल में पूरी परीक्षाओं के रिजल्ट बनाना, इसके अलावा उच्च पद का प्रभार देने का भी कार्य प्रचलन में है, इन सब कार्यो को छोड़ कर वे शिक्षक जो अतिशेष में आ रहे है और जिन्हें आना था वह भी दफ्तरों, अधिकारियों, कर्मचारियों के चक्कर लगा रहे है।
Created On :   23 March 2023 4:31 PM GMT