शिक्षक ने नाबालिग छात्र को दंडित करने के लिए ड्रिल मशीन का किया उपयोग

Teacher used drill machine to punish minor student
शिक्षक ने नाबालिग छात्र को दंडित करने के लिए ड्रिल मशीन का किया उपयोग
उत्तर प्रदेश शिक्षक ने नाबालिग छात्र को दंडित करने के लिए ड्रिल मशीन का किया उपयोग

डिजिटल डेस्क, कानपुर। कानपुर के प्रेम नगर इलाके में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर एक नौ वर्षीय छात्र को दंडित करने के लिए पावर ड्रिल का इस्तेमाल किया और बालक को घायल कर दिया। बालक गणित की मेज का उच्चारण करने में असमर्थ था इसलिए शिक्षक चिढ़ गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी प्रशिक्षक पुस्तकालय में कुछ मरम्मत कार्य की देखरेख कर रहा था, जब उसने एक छात्र को पास से गुजरते हुए पाया और उसे 2 की तालिका सुनाने के लिए कहा। जब लड़का ऐसा करने में विफल रहा, तो प्रशिक्षक ने बिजली से चलने वाली हैंड ड्रिल उठाई और नाबालिग लड़के को घायल कर दिया।

घटना गुरुवार को हुई और शुक्रवार को तब सामने आई जब छात्र के माता-पिता ने स्कूल के बाहर धरना दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी (शिक्षा अधिकारी) मौके पर पहुंचे और अनुज पांडेय के रूप में पहचाने गए प्रशिक्षक को हटा दिया। उन्होंने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।

छात्र ने पत्रकारों को बताया कि अनुज ने उसे दो का टेबल सुनाने को कहा और जब वह नहीं सुना पाया तो उसने अपने बाएं हाथ में ड्रिल मशीन चला दी। पास खड़े एक साथी छात्र ने ड्रिल मशीन का प्लग हटाया, लेकिन तब तक छात्र घायल हो चुके था। छात्र के घायल होने के बाद स्कूल के शिक्षकों ने उसे मामूली उपचार देकर घर भेज दिया। हालांकि, शिक्षकों ने इस घटना को वरिष्ठों के संज्ञान में नहीं लाया।

जब बच्चे ने घर पहुंचकर आपबीती अपने माता-पिता को बताई तो शुक्रवार को वे बच्चे को लेकर स्कूल पहुंचे और शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षकों ने घटना के बारे में अपने वरिष्ठों को सूचित नहीं किया और न ही उन्होंने उचित उपचार किया और न ही टिटनेस का इंजेक्शन लगाया। मामला जैसे ही जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, बीएसए सुरजीत कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।

उन्होंने कहा, शिक्षक को स्कूल से हटाया जा रहा है, साथ ही उसे सेवा से बर्खास्त करने की संस्तुति की गई है। इसके साथ ही अन्य पहलुओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जैसे कि जहां कुछ काम चल रहा था, वहां शिक्षकों ने बच्चों को पुस्तकालय में जाने की अनुमति कैसे दी। पैनल इस बात की भी जांच करेगा कि कहीं बच्चे को दुर्घटनावश चोट तो नहीं लगी।

(आईएएनएस)

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Created On :   26 Nov 2022 5:00 PM IST

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