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तमिलनाडु पावर सरप्लस वाला राज्य नहीं, 17,980 मेगावाट और बढ़ाएगा: वित्त मंत्री
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु को बिजली सरप्लस राज्य होने के पुरानी सरकार के बयानों को गलत बताते हुए, राज्य के वित्त मंत्री पलानीवेल थियागा राजन ने कहा कि अगले 10 वर्षों में 17,980 मेगावाट नई बिजली क्षमता बढ़ाई जाएगी। 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए राजन ने कहा, लगभग 2,500 मेगावाट बिजली पावर एक्सचेंजों पर जरूरतों को पूरा करने के लिए खरीदी गई है। इस प्रकार, यह बयान कि तमिलनाडु पिछले कुछ वर्षों में बिजली अधिशेष राज्य बन गया है, गलत है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 32,646 मेगावाट है, जिसमें 13,128 मेगावाट की पवन और सौर क्षमता शामिल है, लेकिन अधिकतम आवश्यकता के दौरान बिजली की वास्तविक अधिकतम उपलब्धता 16,846 मेगावाट की ज्यादा मांग के मुकाबले केवल 14,351 मेगावाट है।
अधिक आवश्यकताओं की पूर्ति न होने का मुख्य कारण यह है कि पवन ऊर्जा मौसमी होती है और सौर ऊर्जा केवल दिन में ही उपलब्ध होती है। राजन ने राज्य की बिजली कंपनियों को होने वाले वित्तीय नुकसान को टिकाऊ नहीं बताते हुए कहा कि एडीबी की सहायता से चेन्नई कन्याकुमारी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (सीकेआईसी) पावर सेक्टर इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट के तहत टैंजेडको और टैंट्रान्सको के शासन और वित्तीय पुनर्गठन का रणनीतिक अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली उपयोगिताओं को सुधारने और उन्हें ढहने से बचाने के लिए अध्ययन के निष्कर्षों पर तेजी से काम करेगी।
Created On :   13 Aug 2021 6:35 PM IST