राज्य सरकार 24 सितंबर को कावेरी बैठक में मेकेदातु बांध वार्ता पर जताएगी आपत्ति

Tamil Nadu government to object to Mekedatu dam talks in Cauvery meeting on September 24
राज्य सरकार 24 सितंबर को कावेरी बैठक में मेकेदातु बांध वार्ता पर जताएगी आपत्ति
तमिलनाडु राज्य सरकार 24 सितंबर को कावेरी बैठक में मेकेदातु बांध वार्ता पर जताएगी आपत्ति
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  • तमिलनाडु सरकार 24 सितंबर को कावेरी बैठक में मेकेदातु बांध वार्ता पर जताएगी आपत्ति

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु सरकार 24 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाली 14 वीं बैठक में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) द्वारा मेकेदातु बांध के मुद्दे को उठाए जाने के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराएगी। सीडब्ल्यूएमए की मंगलवार को हुई 13वीं बैठक में तमिलनाडु सरकार ने मेकेदातू बांध के मुद्दे को उठाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री, एस दुरईमुरुगन ने सीडब्ल्यूएमए को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में कहा कि यह मामला विचाराधीन है और इसे चर्चा के लिए नहीं लिया जा सकता है।

सीडब्ल्यूएमए प्रमुख एस.के. हलदर ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों के सामने स्वीकार किया था कि सीडब्ल्यूएमए की बैठक में मेकेदातु बांध का मुद्दा वास्तव में एक एजेंडा था। हालांकि, तमिलनाडु के कड़े विरोध के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया। कावेरी-गुंटर नदी जोड़ने की परियोजना को भी कर्नाटक की ओर से आपत्ति के कारण रद्द कर दिया गया था। हालांकि तमिलनाडु इस पर चर्चा करना चाहता था।

तमिलनाडु ने सीडब्ल्यूएमए की बैठक में प्रतिनिधित्व किया था कि कर्नाटक से पानी छोड़ने में कमी थी और राज्य को सितंबर में पानी की आवश्यकता है, क्योंकि इस महीने कुरुवई और सांबा की खेती हो रही थी। हालांकि, कर्नाटक ने तर्क दिया कि उन्होंने इस मुद्दे पर मेकेदातु बांध चर्चा के दौरान भी चर्चा की होगी, जिसे तमिलनाडु सरकार द्वारा आपत्ति के कारण अलग रखा गया था।

दुरईमुरुगन ने आईएएनएस को बताया, मैंने मेकेदातु बांध का मुद्दा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह चौहान के सामने उठाया था। जब मुझे पता चला कि यह विषय सीडब्ल्यूएमए के एजेंडे में है, तो मैंने उन्हें फोन किया और मामले को उठाने पर आपत्ति जताते हुए एक पत्र भेजा। केंद्रीय मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि इसे नहीं लिया जाएगा।

तमिलनाडु पक्ष 24 सितंबर को अपनी बैठक में मेकेदातु बांध मुद्दे को एजेंडा के रूप में सीडब्ल्यूएमए को फिर से उठाए जाने पर आपत्ति जताएगा। तमिलनाडु सरकार ने 27 अगस्त को राज्य विधानसभा को पहले ही सूचित कर दिया है कि मामला विचाराधीन है। दुरईमुरुगन ने सदन को सूचित किया है कि तमिलनाडु सरकार ने मामले के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका लंबित थी। एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए कर्नाटक पक्ष को अनुमति देने के लिए केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई थी।

 

(आईएएनएस)

Created On :   1 Sept 2021 2:30 PM IST

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