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पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम से स्टूडेंट्स वंचित
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डिजिटल डेस्क, वर्धा। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की सत्र 2021-22 की पीएचडी प्रवेश परीक्षा का पहला पेपर (ऑनलाइन) रविवार 10 अक्टूबर को 9.30 बजे से आरंभ होना था, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते देशभर के 1738 पंजीकृत परिक्षार्थियों में से कई का लाॅगिन नहीं हुआ और उन्हें परीक्षा से वंचित रहना पड़ा। हैरानी की बात यह है कि, परीक्षा को लेकर परिक्षार्थियों की सांसें अटकी रहीं और मदद केंद्र पर घंटों फोन लगाने पर भी बात नहीं हुई। जिनकी बात हुई उनका समाधान नहीं हुआ। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय प्रशासन से समस्या पूछने पर कुलसचिव ने परिक्षार्थियों को उनकी शिकायत मेल पर देने की बात कही कर पल्ला झाड़ लिया।
बता दें कि, महाराष्ट्र राज्य के एक मात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुई परीक्षा के लिए 22 विषयों के लिए 197 पीएचडी सीटों पर 1 हजार 738 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। यह परीक्षा ऑनलाइन थी। जिसे दो भागों में बांटा गया है। जिसमें पहला पेपर शोध और हिंदी का था, जबकि दूसरा संबंधित विषय का है। दोनों ही पेपर 50-50 अंक के हैं। परीक्षा में देशभर के परीक्षार्थी शामिल हुए, लेकिन घंटों लॉगिन करने के बाद भी उनको परीक्षा देने का मौका नहीं मिला और कुछ परिक्षार्थियों को मौका मिला, लेकिन कुछ ही समय में उनकी परीक्षा की विंडो बंद हो गई। जबकि परीक्षा का निर्धारित समय सुबह 9.30 से 11 बजे तक था। जबकि बहुत से परिक्षार्थियों का 11 बजे तक लॉगिन ही नहीं हुआ। विशेष बात यह है कि, विश्वविद्यालय के मदद केंद्र पर घंटों तक कई सौ बार फोन लगाया गया, लेकिन वह लगातार व्यस्त आ रहा था। कुछ परिक्षार्थियों की उनसे बात हुई, लेकिन उनका समाधान नहीं हो सका। चौंकाने वाली बात यह है कि, विश्वविद्यालय की तकनीकी खामी के कारण ऐसा हुआ है। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही कह बताया था कि, यदि विद्यार्थी की ओर से कोई समस्या होगी तो उसके लिए वही जिम्मेदार रहेगा। इस मामले का जिम्मेदार कौन होगा यह अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है।
Created On :   11 Oct 2021 3:26 PM IST