हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलायेगी प्रदेश भाजपा

State BJP will campaign to take the failures of Jharkhands Hemant Soren government to the people
हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलायेगी प्रदेश भाजपा
झारखंड हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलायेगी प्रदेश भाजपा
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  • झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलायेगी प्रदेश भाजपा

डिजिटल डेस्क, रांची। भारतीय जनता पार्टी की झारखंड प्रदेश कार्यसमिति ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया है। मंगलवार को हुई पार्टी कार्यसमिति की बैठक में सरकार की विफलताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाने और जन आंदोलन का निर्णय लिया गया। आंदोलन की रणनीति और कार्यक्रमों की घोषणा जल्द की जायेगी।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश महामंत्री बाल मुकुंद सहाय ने बताया कि कार्यसमिति में प्रस्ताव पारित पर हेमंत सरकार के दो सालों के कामकाज पर निराशा व्यक्त की गयी। प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना आपदा के बीच भी शानदार तरीके से देश और समाज के हर वर्ग को आगे ले जाने में समर्पित दिख रही है, पर राज्य सरकार निकम्मी साबित हुई है।

राज्य का विकास ठप हो चुका है। पंचायत चुनाव ना कराकर सरकार अपना हिडेन एजेंडा पूरा कर रही है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश, राष्ट्रीय महामंत्री और झारखंड प्रभारी दिलीप सैंकिया, संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सीएम रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी, सांसद समीर उरांव, राष्ट्रीय मंत्री और रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा समेत अन्य भी उपस्थित थे।

बालमुकुंद सहाय ने कहा कि केंद्र ने पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की है। भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र का अनुकरण किया है, लेकिन हेमंत सरकार महंगाई के नाम पर राजनीति करती रही है। अब तक उसकी ओर से इसका दाम कम नहीं किया गया है। पार्टी इसके विरोध में 25 नवंबर को राज्य के सभी पेट्रोल पंपों पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर दबाव बनायेगी।

उन्होंने कहा कि एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि देश लोकतांत्रिक व्यवस्था के जरिये आगे बढ़ता है, लेकिन राज्य सरकार इस पर चोट करने मे लगी है। पंचायत चुनाव में अभी सरकार की रुचि नहीं।

एक्सटेंशन के भरोसे पंचायती व्यवस्था चलायी जा रही। अभी कार्यकारी समिति में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने से करप्शन को बढ़ावा मिल रहा है। गांव के विकास कार्य ठप हो गये हैं। केंद्र से सहायता राशि भी लेने में दिक्कत आ रही।

सरकार के इस रवैये को देखते 27 नवंबर को सभी प्रखंडों में सरकारी रवैये के खिलाफ आवाज बुलंद की जायेगी। पंचायत चुनाव जल्द कराने की मांग होगी। राज्य सरकार की नियोजन नीति, नियुक्ति वर्ष सभी पर सवाल हैं।

अनर्गल भाषाई विवाद उठाया जा रहा है। इससे लाखों छात्रों का कैरियर बर्बाद होगा। नयी नौकरियां दिये जाने की बजाये नौकरी छीनी जा रही है। जेपीएससी में धांधली का विरोध करने पर कैंडिडेट पर लाठियां बरसायी जा रही हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   23 Nov 2021 9:31 PM IST

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