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बारिश ने तबाह की सोयाबीन-कपास, जंगली हाथियों ने उजाड़ दी धान
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर/गड़चिरोली। चंद्रपुर जिले में दो घंटे हुई बारिश के कारण धान, कपास और साेयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है। वहीं कृषि विभाग कह रहा है कि यह बारिश फसलों के लिए फायदेमंद है। गड़चिरोली में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। हाथियों ने रविवार की रात धान के ढेर तहस-नहस कर दिए। इसी कारण नागरिकों में दहशत छाई हुई है।
चंद्रपुर जिले भर में रविवार की रात लगभग दो घंटे हुई बारिश की वजह से खेतों में खड़ी कपास और सोयाबीन की फसल काे नुकसान हुआ है। वहीं कृषि विभाग ने इस बारिश को फायदेमंद बताया हैं, जबकि बारिश के कारण कपास के फूल भीग जाने से उनका रंग काला पड़ जाता है इसकी वजह से कपास को उचित दाम नहीं मिलता है और सोयाबीन गीला होने से कटाई में दिक्कतें आती है। जिले के मूल, सावली, गोंडपिपरी , पोंभुर्णा, सिंदेवाही, नागभीड़, ब्रह्मपुरी और चिमूर तहसील के कुछ हिस्से में उच्च श्रेणी के धान का उत्पादन किया जाता है। अधिकांश खेतों के धान की कटाई कर ली गई है किंतु जो धान की कटाई बाकी है वह खेत में है और अनेक खेतों में धान का ढेर लगे हैं। जिले के भद्रावती, वरोरा, चिमूर में प्रमुख रुप से कपास और सोयाबीन का उत्पादन किया जाता हैै। इसके अलावा राजुरा, बल्लारपुर और चंद्रपुर तहसीलों में मिलीजुली फसलों का उत्पादन किया जाता हैै। रविवार की रात 10 से लगभग 12 बजे तक बेमौसम बरसात हुई। वरोरा के एक किसान ने बताया कि कपास की तुड़ाई अंतिम चरण में है और कृषि मंडी में कपास िबक्री के लिए आने लगा है। 11 दिसंबर को कपास के दाम 8400 से 8500 और सोयाबीन 4775 से 5370 रुपए प्रति क्विंटल के बीच है। इसके बाजवूद इस वर्ष की अतिवृष्टि की वजह से अनेक किसानों को दोबारा और तीन बार बुआई करनी पड़ी जिससे उनकी फसल पिछड़ गई और अब भी खेतों में कुछ मायने में कपास और सोयाबीन की फसल है। इन किसानों का नुकसान होगा।
गड़चिरोली. ओड़िसा राज्य से छत्तीसगढ़ होते हुए गड़चिरोली जिले में दाखिल हुए जंगली हाथियों के झुंड ने गोंदिया व भंडारा जिले में प्रवेश करने के बाद एक बार फिर गड़चिरोली जिले में प्रवेश किया है। पिछले तीन दिनों से हाथियों का झुंड अन्नदाता किसानों की फसलों को क्षति पहुंचा रहा है। रविवार की रात को जंगली हाथियों के झुंड ने कुरखेड़ा तहसील के गुरनाेली-अरततोंडी क्षेत्र में प्रवेश करते हुए दर्जनों किसानों के खेतों में रखे धान के ढेर तहस-नहस कर दिए। इसमें किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की जानकारी मिली है। सोमवार सुबह से वनविभाग की टीम नुकसान पंचनामा कार्य में जुटी हुई है।
बता दें कि, जंगली हाथियों के झुंड ने तीन दिन पूर्व भंडारा जिले के लाखांदूर तहसील से देसाईगंज वनविभाग में प्रवेश किया। तहसील के तुलशी समेत अन्य गांवों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथियों का झुंड एक बार फिर कुरखे़ड़ा वनक्षेत्र में दाखिल हुआ है। शनिवार और रविवार की रात हाथियों के झुंड ने किसानाें की फसलों को नुकसान पहुंचाया। वनविभाग के अधिकारियों के अनुसार, जंगली हाथियों का झुंड वर्तमान में अरततोंडी के कक्ष क्रमांक 130 में होकर रविवार की रात हाथियों ने क्षेत्र के दर्जनों किसानों के खेत में रखे धान के ढेर को नुकसान पहुंचाया। इस घटना में संबंधित किसानों को काफी नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है। वर्तमान में वनविभाग की टीम जंगली ने हाथियों पर नजर बनाये रखी है। वहीं सोमवार दिन भर नुकसानग्रस्त किसानों के खेत में वनविभाग की टीम ने पंचनामा किया। वहीं एक बार फिर हाथियों का झुंड क्षेत्र में प्रवेश करने से आम नागरिकों समेत किसानों में दहशत छाई हुई है।
Created On :   13 Dec 2022 2:07 PM IST