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कोरची के ग्रामीण अस्पताल में एक ही दिन 93 गर्भवतियों की सोनोग्राफी
डिजिटल डेस्क, कोरची (गड़चिरोली) । सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर कोरची के ग्रामीण अस्पताल में सोनोग्राफी की मशीन उपलब्ध करवाई लेकिन विशेषज्ञ डाक्टर की नियुक्ति नहीं किए जाने से इस मशीन का किसी भी गर्भवती महिलाओं को लाभ नहीं मिल रहा था। स्वास्थ्य विभाग की इस नियोजन शून्यता को दैनिक भास्कर ने विस्तृत रूप से उजागर किया। इस आशय की खबर प्रकाशित होते ही स्वास्थ्य महकमे ने तत्काल कदम उठाते हुए सोनोग्राफी मशीन के लिए विशेषज्ञ डाक्टर उपलब्ध करवाया, जिसके कारण सोमवार को पहले ही दिन क्षेत्र की 93 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी करवायी गयी।
बता दें कि, जिले में कुपोषण, बाल मृत्यु और माता मृत्यु का प्रमाण काफी अधिक है। इनका प्रमाण कम करने के लिए गर्भधारणा के समय से ही माताओं को स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही है। इसके लिए सोनोग्राफी की टेस्ट महत्वपूर्ण मानी गयी है। आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित कोरची तहसील मुख्यालय में बनाए गए ग्रामीण अस्पताल में सरकार ने लाखों रुपए की निधि खर्च कर सोनोग्राफी की एक मशीन उपलब्ध करवायी है। लेकिन इस उपकरण को चलाने के लिए किसी विशेषज्ञ डाक्टर को यहां नियुक्त नहीं किया फलस्वरूप इस अस्पताल में अपना पंजीयन कराने वाली तहसील के कुल 113 गांवों की गर्भवती महिलाओं को 70 किमी की दूरी तय कर देसाईगंज स्थित अस्पताल में पहुंचकर सोनोग्राफी करना पड़ रहा था। इस समस्या को दैनिक भास्कर ने सोमवार के अंक में विस्तृत रूप से पेश कर स्वास्थ्य विभाग का ध्यानाकर्षण कराया। समाचार के प्रकाशित होते ही विभाग ने आरमोरी उपजिला अस्पताल के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. मसराम को सोनोग्राफी के लिए कोरची अस्पताल रवाना किया। डा. मसराम के ग्रामीण अस्पताल पहुंचते ही सोमवार को दिनभर में तहसील की कुल 93 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी टेस्ट करायी गयी। इस मशीन के लिए स्थायी डाक्टर की नियुक्ति करने की मांग तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है।
Created On :   27 Dec 2022 12:38 PM IST