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गीता के माता-पिता की सोशल मीडिया से तलाश
डिजिटल डेस्क,इंदौर। पाकिस्तान से लाई गई मूक बधिर गीता को तमाम कोशिशों और कई लोगों के दावों के बाद भी अब तक अपना परिवार नहीं मिल पाया है। गीता के परिवार को खोजने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। फेसबुक पर जहां एक विशेष पेज बनाया गया है, वहीं मोबाइल एप्लीकेशन फेस एप की भी मदद ली जा रही है।
भारत की बेटी गीता के पाकिस्तान में होने की बात सामने आने पर लगभग चार साल पहले तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों के चलते उसे अपने देश लाया जा सका था। बाद में गीता को इंदौर के मूक बधिर संस्थान में रखा गया था, उसे यहां तब तक के लिए लाया गया था, जब तक उसके माता-पिता नहीं मिल जाते। बीते चार साल में हुई तमाम कोशिशें असफल रही हैं। यही कारण है कि गीता 26 अक्टूबर, 2015 से इंदौर में ही है।
गीता के माता-पिता होने का कई लोगों ने दावा किया, मगर सफलता नहीं मिली। यही कारण है कि मूक बधिर बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था आनंद सर्विस सोसायटी ने फेसबुक पर एक पेज रीयूनाइट गीता ए डेफ गर्ल विथ फैमिली के नाम से तैयार किया है। संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित बताते हैं कि इसके साथ ही फेस एप का भी गीता के परिजनों को खोजने के लिए सहारा लिया जा रहा है। पुरोहित ने आईएएनएस को बताया कि फेस एप ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति की दस साल पुरानी तस्वीर को तैयार किया जा सकता है, गीता की भी इसी तरह की तस्वीरें तैयार कर वायरल की गई हैं, जिससे उम्मीद है कि उसके माता-पिता का पता चल जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि चीन और रूस में इस फेस एप के जरिए गुम बच्चों को खोजने में मदद मिली है। चीन में 18 साल पहले गुम हुए बच्चे को खोजने की बात सामने आई, तीन साल की उम्र में गुम हुए बच्चे की तस्वीर तैयार कर वायरल की गई और उसके माता-पिता को खोज निकाला गया। इसी के चलते इस एप के जरिए गीता के माता-पिता को खोजने की कोशिश की जा रही है।
गीता ने अपने को लगभग 10 साल पहले लापता होने की बात कही है, वर्तमान में वह 27 साल की है, लिहाजा 10 पहले की उसकी तस्वीर तैयार कर वायरल की जा रही है। फेस एप ऑफीशियल इंटेलीजेंस का हिस्सा है। गौरतलब है कि गीता के माता-पिता के तौर पर 24 से अधिक लोग दावा कर चुके हैं, इनमें से कई का तो डीएनए टेस्ट भी करवाया गया था। मगर किसी का भी डीएनए गीता के डीएनए से मेल नहीं खाया। गीता न तो बोल सकती है और न ही सुन सकती है। वह बीते चार साल से इंदौर के मूक बधिर संस्थान में है। वर्तमान में वह स्कूली शिक्षा के साथ कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण ले रही है।
उम्मीद जताई जा रही है कि गीता के माता-पिता को खोजने के लिए शुरू की गई मुहिम रंग लाएगी, क्योंकि गीता की 10 साल पुरानी तस्वीर तैयार कर उसे वायरल किया जा रहा है, ताकि उसे जानने वाले लोग आसानी से पहचान सकेंगे।
Created On :   28 Oct 2019 9:00 AM IST