सारस की सुरक्षा के लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । सारस पक्षी गोंदिया जिले की पहचान है और यह हमारे राज्य का वैभव भी हंै। इसके संरक्षण के लिए केवल शासन अथवा सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से किए जाने वाले प्रयास तब तक सफल नहीं होंगे, जब तक आम नागरिकों की इसमें भागीदारी न हो। यह बात सारस पक्षी संवर्धन के क्षेत्र में काम कर रही सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार ने कही।
कृषि तंत्रज्ञान व्यवस्थापन यंत्रणा(आत्मा) एवं तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय गोरेगांव के संयुक्त तत्वावधान में सारस पक्षी संवर्धन अभियान के अंतर्गत गोरेगांव तहसील के कृषि सेवा केंद्र संचालकों की तहसील स्तरीय कार्यशाला में वे बोल रहे थे। इस समय उन्होंने सारस पक्षी की पहचान, उसके खाद्य, नर एवं मादा पक्षी की पहचान, उनका संवर्धन के लिए महत्व के जैविक घटक का उपयोग एवं खेत में रासायनिक कीटनाशक का उपयोग करते समय बरती जानेवाली सावधानी के विषय में उपस्थितों का मार्गदर्शन किया। इस कार्यशाला में सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार, वन्यजीव संरक्षक मुकुंद धुर्वे, तहसील कृषि अधिकारी सुलक्षना पाटोले, कृषि अधिकारी एम.एम. हरिणखेड़े, मंडल कृषि अधिकारी ए.पी. आघाव, सी.बी. कारजेकर, कृषि पर्यवेक्षक पी.एस. रहांगडाले, तकनीकी प्रबंधक गजानन पटले आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। कार्यशाला में मानद वन्यजीव संरक्षक मुकुंद धुर्वे ने अपने मार्गदर्शन में महाराष्ट्र राज्य एवं पड़ोसी राज्यों में उपलब्ध सारस पक्षियों की संख्या तथा उनकी विविध प्रजातियों की पहचान के विषय में जानकारी दी। उन्होंने सारस पक्षियों के अधिवास को उत्पन्न होने वाले खतरे के मद्देनजर सारस संवर्धन के लिए जो अभियान शुरू किया गया है, उसकी भी जानकारी दी। इस अभियान के अंतर्गत कृषि केंद्र संचालकों से केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए गए कीटनाशकों की बिक्री न करने को कहा। उन्होंने कहा कि सारस पक्षी संरक्षण में किसान कृषि सेवा केंद्र, कृषि विभाग, वन विभाग, मत्स्य विभाग, पशु संवर्धन विभाग को संयुक्त रूप से अपना योगदान देना होगा। आभार प्रदर्शन सुलोक्षणा पाटोले ने किया।
Created On :   7 Jan 2023 7:12 PM IST