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सीधे सरकार को भेजें 127 करोड़ के यूनिवर्सिटी घोटाले की कार्रवाई रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय की प्रबंधन समिति की बैठक में शुक्रवार, 28 जनवरी को 127 करोड़ रुपए के विश्वविद्यालय घोटाले की रिपोर्ट व शोध के लिए गाइड की नियुक्ति संबंधी शर्तों पर सदस्यों के बीच जमकर हंगामा हुआ। घोटाला संबंधी एफआईआर दर्ज करने से पूर्व कुलपति द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय समिति की रिपोर्ट आज प्रबंधन समिति के सामने पेश की जानी थी, लेकिन सदस्यों ने इसके लिए साफ मना कर दिया। कुलपति से कहा कि इस रिपोर्ट को सीधे सरकार के पास भेजा जाना चाहिए।
ये है मामला
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा किए गए 127 करोड़ रुपए के घोटाले में सरकार द्वारा नियुक्त समिति की पुष्टि किए जाने के बाद उच्च एवं तकनीकी शिक्षण मंत्री उदय सामंत ने कैबिनेट की बैठक के दौरान दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन विधानसभा को दिया था। इस आदेश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा एफआईआर दर्ज करने का निर्देश कुलपति को दिया गया। साथ ही कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट तलब की गई थी। लेकिन, इस निर्देश का सीधे पालन ना करते हुए कुलपति ने पहले एक समिति गठित की और उस समिति की रिपोर्ट प्रबंधन कमेटी के सामने रखने का आदेश दिया जिस पर आज बैठक हुई। बैठक में समिति के सदस्यों ने साफ कह दिया कि तैयार रिपोर्ट पर कमेटी सदस्यों की राय ना लेते हुए सीधे इसे सरकार के पास भेजा जाना चाहिए ताकि सरकार इस बाबत विश्वविद्यालय को आगे का निर्देश जारी करे।
रिपोर्ट को रखा जा रहा है गुप्त
विश्वविद्यालय के उक्त घोटाले पर पर्दा डालने वाले तत्कालीन कुलपति डॉ बालू चोपड़े की भूमिका अहम मानी जा रही है। विशेष कि मौजूदा कुलपति डॉ. येवले भी इस भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में दोषियों पर सीधे कार्रवाई से कतरा रहे हैं। यही वजह है कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री के आदेश के बावजूद अब तक कुलपति ने दोषी लोगों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की है। आज की प्रबंधन समिति की बैठक में कुलपति द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट जो पेश की गई, उसे फिलहाल गुप्त रखा गया है। आगे रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद कुलपति की आगे क्या भूमिका रहती है, इस पर नजर टिक गई है। खास बात कि विभिन्न विभागों द्वारा किए गए घोटालाें में पिछले दिनों विभाग प्रमुखों को खर्च संबंधी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था, जिस पर विभाग प्रमुखों की नाराजगी सामने आई थी।
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Created On :   29 Jan 2022 7:47 PM IST