फर्जी दस्तावेज लगाकर साइंस हाउस मेडिकल फर्म ने दवा की टेंडर प्रक्रिया में ले लिया भाग
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डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्वास्थ्य विभाग को दवा सप्लाई के टेंडर में साइंस हाउस मेडिकल फर्म अनुभव से संबंधित जिन दस्तावेजों को लगाकर भाग ले रही है, उन दस्तावेजों को ग्वालियर के ग्लोबल स्पेशलिटी अस्पताल ने फर्जी करार दिया है। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन इस बात से भी इनकार कर चुका है कि यह क्रय आदेश उनके नहीं है।
मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड के टेंडर क्रमांक 069 में साइंस हाउस मेडिकल ने फर्जी कागजात के बल पर मेडिकल प्रोडक्ट का अनुमोदन करा लिया है। साइंस हाउस मेडिकल के द्वारा जो क्रय आदेश टेंडर के साथ संलग्न किये गये हैं, वह कुछ विशेष सप्लायर फर्मों के हैं, जो कभी सप्लाई किये ही नहीं गये हैं।
इस बात की पुष्टि जीएसटी रिटर्न से की जा सकती है। तकनीकी विशेषज्ञों की माने तो साइंस हाउस मेडीकल द्वारा जो क्रय आदेश लगाये गये हैं, उनका प्रिंट आउट लेने पर ही वह फर्जी है प्रतीत हो जाता है। क्योंकि नीचे के सील एवं हस्ताक्षर वाला हिस्सा तथा ऊपर का लेटर पेड वाला हिस्सा हलका होता है और बीच वाला हिस्सा गहरा होता है।
ये हैं टेंडर की शर्तें
टेंडर की शर्तों के अनुसार टेंडर यदि डिस्टीब्यूटर के द्वारा कोट किया जाता है तो टेंडर क्वांटिटी का 30 प्रतिशत विगत पांच वर्षों में विक्रय किया होना चाहिए। यदि वह इम्पोटर है तो 40% विगत पांच वर्षों में विक्रय होना चाहिए। यदि वह यह शर्त पूरी नहीं कर पाता है तो वह फर्म टेंडर कोट करने के लिए योग्य नहीं है। यह वो महत्वपूर्ण शर्त है जिसके आधार पर कोई भी फर्म का टेंडर योग्य या अयोग्य घोषित होता है।
विदेशी फर्म का विक्रेता बनने 40 प्रतिशत के क्रय आदेश जरूरी
साइंस हाउस मेडीकल द्वारा अपनी फर्म को विदेशी फर्मों का डिस्ट्रीब्यूटर बताते हुए 30 प्रतिशत के क्रय आदेश दर्शाये जा रहे हैं, जबकि यदि विदेशी फर्म का अधिकृत विक्रेता योग्य होना है तो 40 प्रतिशत के क्रय आदेश लगाये जाने चाहिए।
जांच में पाये गये दोषी तो ब्लेक लिस्टेड करेंगे
मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी जे विजय कुमार का कहना है कि टेंडर क्रमांक 069 में भाग लेने के लिए साइंस हाउस मेडिकल द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाये जाने की खबर मिली है। टेंडर में लगाये गये दस्तावेजों की जांच कराई जाएगी। अगर जांच में साइंस हाउस मेडिकल द्वारा लगाये गये दस्जावेज गलत पाये जाते हैं तो ब्लेक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जायेगी।
Created On :   16 Aug 2020 12:04 PM IST