केंद्र के क्राइटेरिया पर फिट नहीं बैठ रहे छग के स्कूल
डिजिटल डेस्क, रायपुर। केंद्र सरकार की ‘पीएमश्री स्कूल’ योजना को लेकर छत्तीसगढ़ में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यह संकट खड़ा हुआ है केंद्र द्वारा प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए अलग-अलग मापदंड तय कर दिए जाने से। प्रदेश में ये सारे स्कूल तो हैं लेकिन हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों को लेकर केंद्र के क्राइटेरिया पर अधिकांश स्कूल फिट नहीं बैठ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के समग्र शिक्षा के एमडी नरेंद्र दुग्गा के अनुसार, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों को क्राइटेरिया के भीतर लाने केंद्रीय स्कूल शिक्षा विभाग से बातचीत चल रही है। उन्होंने जल्दी रास्ता निकलने की उम्मीद जताई है
ये फंसा है पें
पीएमश्री स्कूल बनने केंद्र ने 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को हायर सेकंडरी घोषित कर रखा है, जबकि यहां अधिकांश सरकारी हाई स्कूल कक्षा एक से 10वीं तक के हैं। चूंकि यहां उच्चतर माध्यमिक सेगमेंट वाले स्कूल 6वीं से 12वीं तक ही हैं, इसलिए उन्हें इस योजना में फिट नहीं माना जा रहा है। केवल प्राइमरी-मिडिल सेगमेंट ही पीएमश्री स्कूलों की जरूरतों को पूरी कर पा रहा है। केंद्र के इस सेगमेंट के प्रदेश के इक्का-दुक्का हाई और मिडिल स्कूल हैं।
ऐसे गड़बड़ा रहा गणित
पीएमश्री योजना में प्रदेश के 146 प्राइमरी-मिडिल तथा 146 हाई-हायर सेकंडरी स्कूल चुने जाने हैं। यकेंद्र के बेंचमार्क के हिसाब से प्रदेश के 10,254 स्कूल फिट तो बैठ रहे हैं लेकिन इनमें से 10,114 स्कूल प्राइमरी-मिडिल स्ट्रक्चर के हैं। केवल 140 स्कूल हाई और हायर-सेकंडरी स्ट्रक्चर वाले हैं, लेकिन इनमें से भी 93 स्कूल स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना में अपग्रेड हो चुके हैं। 23 पोटा केबि, 1 एकलव्य स्कूल और 1 कस्तूरबा गांधी स्कूल हैं। इन्हें किसी दूसरी योजना में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। अर्थात, केंद्र को छग में जितने हाई-हायर सेकंडरी स्कूल चुनने हैं, उनमें हाई-हायर सेकंडरी स्कूल पहले ही कम हैं। ऊपर से मापदंड ऐसे ह कि इस सेगमेंट का एक भी स्कूल स्ट्रक्चर के हिसाब से चुना नहीं जा सकता।
Created On :   28 Jan 2023 2:55 PM IST