सरला मिश्रा हत्याकांड : भाई ने की CBI जांच की मांग, दायर की याचिका

Sarla mishra murder case plea in jabalpur high court for CBI investigation
सरला मिश्रा हत्याकांड : भाई ने की CBI जांच की मांग, दायर की याचिका
सरला मिश्रा हत्याकांड : भाई ने की CBI जांच की मांग, दायर की याचिका

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी भोपाल के बहुचर्चित सरला मिश्रा हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराए जाने की प्रार्थना करते हुए दायर मामले पर हाईकोर्ट में राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने शुक्रवार को मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद आवेदकों को जवाब पेश करने कहा है।

होशंगाबाद के सदर बाजार निवासी अनुराग मिश्रा की ओर से यह याचिका दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि उनकी बहन सरला मिश्रा कांग्रेस महिला विंग की प्रमुख थीं। 14 फरवरी 1997 की रात को सरला अपने टीटी नगर स्थित आवास में रहस्यमय परिस्थितियों में जल गईं थीं। याचिका में आरोप है कि इस घटना से पहले शाम को सरला मिश्रा की तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से किसी बात पर बहसबाजी भी हुई थी।

याचिका में आरोप है कि आग से जलने के दौरान लगातार उनकी बहन अपने बचाव के लिए चिल्लाई भी रहीं थीं। आरोप है कि घटना की जानकारी मिलते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने डॉ. योगीराज शर्मा को सरला मिश्रा के घर पर भेजा। डॉ. शर्मा वहां गए भी, लेकिन 3 घंटे तक घर में रहने के बाद उन्होंने न तो पुलिस को कोई सूचना दी और न कोई शिकायत दी। रात करीब 2.30 बजे जब सरला मिश्रा को गंभीर हालत में हमीदिया अस्पताल ले जाया गया। आरोप है कि उसी बीच डॉ. योगीराज शर्मा ने सरला के पूरे घर की धुलाई भी की थी।

याचिका में आरोप है कि इस घटना में डॉ. योगीराज शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसके कारण उन्हें महज 32 साल की उम्र में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का डायरेक्टर बना दिया गया था। आवेदक का दावा है कि 14 मार्च 2006 को उन्होंने घटना की जांच की प्रगति को लेकर आरटीआई में जानकारी मांगी, जो  10 अगस्त 2015 को आधी अधूरी दी गई। इसके बाद मामला विधानसभा में भी गू्ंजा और तत्कालीन गृह मंत्री चरणदास महंत ने घटना की सीबीआई जांच कराने के आदेश भी दिए, लेकिन वह कागजों तक सीमित रही। इस बारे में संबंधितों को शिकायतें देने के बाद भी कोई न होने पर यह याचिका दायर की गई।

याचिका में मप्र के गृह सचिव, डीजीपी, भोपाल एसपी और टीटी नगर थाने के टीआई को पक्षकार बनाया गया है। मामले पर शुक्रवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता टीएस रूपराह व अधिवक्ता उमाशंकर तिवारी ने पक्ष रखा। उनका पक्ष सुनने के बाद अदालत ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

Created On :   23 March 2018 4:06 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story