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साईं जन्मस्थान: शिरडी ग्राम सभा ने वापस लिया बंद, सीएम उद्धव ने आज बुलाई बैठक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर दिए बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को शिरडी में दुकानें, होटल और विभिन्न प्रतिष्ठान बंद रहे, लेकिन साईं मंदिर खुला रहा। सीएम उद्धव ने आज (सोमवार) मुंबई सचिवालय में एक बैठक बुलाई है। वहीं शिरडी ग्राम सभा ने सीएम ठाकरे से मुलाकात के पहले बंद के फैसले को वापस ले लिया है। हालांकि ये साफ है कि फैसला उनके हक में नहीं रहा तो आंदोलन जारी रहेगा।
खोला प्रसादालय और रसोई
वहीं शिरडी में बाजार पूरी तरह से बंद होने के कारण श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने "प्रसादालय" और "मंदिर की रसोई" पर विशेष व्यवस्था की है। मंदिर ट्रस्ट और अहमद नगर प्रशासन ने बताया कि शहर में सभी दुकानें बंद हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए प्रसादालय और मंदिर की रसोई को भी खुला रखा गया है।
क्या कहा था उद्धव ठाकरे ने?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को अपने एक भाषण में परभणी जिले में स्थित पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताते हुए उसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की निधि देने का ऐलान किया था। सीएम ठाकरे के इस फैसले से शिरडी के लोग नाराज हो गए। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर ऐसा ही एक बयान दिया था। राष्ट्रपति 1 अक्टूबर 2018 को साईं बाबा समाधि शताब्दी समारोह का उद्धघाटन करने आए थे। उस वक्त उन्होंने कहा था कि पाथरी गांव साईंबाबा का जन्मस्थान है और इसके विकास के लिए मैं काम करूंगा।
नहीं बताया था अपना जन्मस्थान
शिरडी के विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि इतने वर्षों से शिरडी साईं बाबा की भूमि रही है। राज्य सरकार के इस फैसले से करोड़ों साईं भक्तों को ठेस पहुंची है। बाबा के जन्मस्थान का यह विवाद बेबुनियाद है। शिरडी के लोगों का कहना है कि साईंबाबा ने कभी नहीं बताया उनका जन्म कहा हुआ था। शिरडी के पूर्व नगरसेवक तुषार गोंदकर ने भी कहा कि बाबा कहां से आए थे यह बात उन्होंने कभी नहीं बताई थी।
Created On :   20 Jan 2020 10:54 AM IST