मुंबई पुलिस ने API सचिन वाजे को सेवा से बर्खास्त किया, एंटीलिया मामले में है आरोपी

Sachin Waze, Accused In Ambani Security Scare Case, Sacked By Mumbai Police
मुंबई पुलिस ने API सचिन वाजे को सेवा से बर्खास्त किया, एंटीलिया मामले में है आरोपी
मुंबई पुलिस ने API सचिन वाजे को सेवा से बर्खास्त किया, एंटीलिया मामले में है आरोपी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई पुलिस ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को स्थायी रूप से बर्खास्त कर दिया गया है। मुंबई पुलिस आयुक्त के कार्यालय ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए वजे को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। सचिन वाजे को एनआईए ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री से लैस कार मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में गिरफ्तार किया था।

इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में अब तक जो भी कुछ सामने आया है उससे पता चलता है कि पूरे मामले की साजिश असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वाजे के ठाणे स्थित घर पर रची गई थी। पुलिस मुख्यालय में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का पहले से ही आना-जाना था। इस केस में वाजे की भूमिका सामने आने के बाद उसे एनआईए ने 13 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मुंबई के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह का भी तबादला कर दिया गया। 

परमबीर सिंह ने तबादले के बाद मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर बड़ा खुलासा किया था। परमबीर सिंह ने कहा था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को कई बार घर पर मिलने के लिए बुलाया। गृह मंत्री ने वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था। गृह मंत्री ने वाजे को बताया था कि मुंबई में लगभग 1,750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान हैं। प्रत्येक से हर महीने 2-3 लाख अगर लिए जाएं तो 40-50 करोड़ का जुगाड़ हो जाएगा। गृह मंत्री ने कहा था कि बाकी बची रकम अन्य स्रोतों से बनाया जा सकता है।

परमबीर सिंह ने अपने इस पत्र में वसूली को लेकर एसपी पाटील नाम के एक पुलिस अधिकारी के साथ हुए उनके बातचीत का जिक्र भी किया था। परमबीर सिंह और एसपी पाटील के बीच 16 और 19 मार्च के बीच बातचीत हुई थी। हालांकि अनिल देशमुख ने इन दावों को गलत बताया था और परमबीर सिंह पर मानहानि का दावा करने की बात कही थी। बाद में अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 

क्या है पूरा मामला?
-24-25 फरवरी की दरमियानी रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी। 

-25 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं।

- मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी। 

-बाद में जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। 

-पांच मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। 

-इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। 

-एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया।

-बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को ही सौंप दी गई।

 

वाजे, काजी ने मांगे पैसे-छाबड़िया

धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी के बाद हाल ही में जमानत पर छूटे दिलीप छाबड़िया ने दावा किया है कि उन्हें उनकी कंपनी के पूर्व हिस्सेदार ने धोखे से इस मामले में फंसाया था। एक बयान जारी कर छाबड़िया ने कहा कि कंपनी उनके नाम पर थी लेकिन इसकी 52 फीसदी हिस्सेदारी किरन मूलचंद के पास थी। मूलचंद के धोखे के चलते उनका सपना एक भयानक सपने में बदल गया। छाबड़िया का आरोप है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और वाझे के साथ मिलीभगत कर मूलचंद ने उन्हें फंसाया। मामले में कपिल शर्मा के साथ उनके विवाद का इस्तेमाल किया गया। छाबड़िया का दावा है कि सचिन वाझे और रियाजुद्दीन काजी ने उनके परिवार वालों को भी मामले में गिरफ्तार करने की धमकी देकर 10 से 25 करोड़ रुपए तक रिश्वत मांगी और लगातार पैसों को लेकर मोलभाव करते रहे।
 

Created On :   11 May 2021 8:35 PM IST

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