Rahat Indori: मशहूर शायर राहत इंदौरी का इंदौर में हार्ट अटैक से निधन, कोरोना का भी चल रहा था इलाज
डिजिटल डेस्क, इंदौर। मशहूर शायर राहत इंदौरी का आज (मंगलवार, 11 अगस्त) हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। 70 साल की उम्र में उन्होंने मध्यप्रदेश के इंदौर के अरविंदो अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें निमाेनिया होने के बाद 10 अगस्त की देर रात अस्पताल में भर्ती किया गया था। राहत कोरोना पॉजिटिव भी हो गए थे। शाम 5 बजे के करीब उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया और फिर उन्हें बचाया नहीं जा सके। राहत इंदौरी के बेटे सतलज ने इस बात की जानकारी दी थी।
मंगलवार सुबह ही उन्होंने खुद ही ट्वीट करके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था, कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऑरविंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं, दुआ कीजिए जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं।
कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है.ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूँ
— Dr. Rahat Indori (@rahatindori) August 11, 2020
दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूँ
एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी.
मुफलिसी में गुजरा राहत साहब का बचपन
राहत साहब के वालिद रिफअत उल्लाह 1942 में सोनकछ देवास जिले से इंदौर आए थे। राहत साहब का बचपन का नाम कामिल था। बाद में इनका नाम बदलकर राहत उल्लाह कर दिया गया। वालिद ने इंदौर आने के बाद ऑटो चलाया। मिल में काम किया, लेकिन उन दिनों आर्थिक मंदी का दौर चल रहा था। 1939 से 1945 तक दूसरे विश्वयुद्ध का भारत पर भी असर पड़ा। मिलें बंद हो गईं या वहां छंटनी करनी पड़ी। राहत साहब के वालिद की नौकरी भी चली गई। हालात इतने खराब हो गए कि राहत साहब के परिवार को बेघर होना पड़ गया था।
कभी भी फिल्मी दुनिया में जमने और बसने के लिए जद्दोजहद नहीं की
राहत इंदौरी ने कभी भी फिल्मी दुनिया में जमने और बसने के लिए जद्दोजहद नहीं की। मुशायरे के बाद अगर उनको किसी से सबसे ज्यादा लगाव था तो वो है उनका अपना शहर इंदौर। महेश भट्ट की "सर" उनकी पहली फिल्म थी। "मुन्नाभाई एमबीबीएस" जैसी फिल्म में हिट गाने लिखने वाले राहत इंदौरी को फिल्मी दुनिया कभी भी पूरी तरह से इस्तेमाल ही नहीं कर पाई। उनकी कुछ शुरुआती फिल्मों पर नाकामी का ठप्पा लगा था।
जिसकी नकल जाने-अनजाने सैकड़ों शायर करते हैं
अपने लिए लिखकर मुशायरे में अपने लिए शेर पढ़ना किसी भी शायर के लिए ज्यादा तसल्ली देने वाला होता है। फिर राहत ने तो मुशायरे में शेर पढ़ने की अपनी एक शैली विकसित की थी, जिसकी नकल जाने-अनजाने सैकड़ों शायर करते हैं।
...हजारों लोगों का मजमा दीवाना-सा हो उठता था
जब वो डूबकर अपने शेर पढ़ते हैं तो हजारों लोगों का मजमा दीवाना-सा हो उठता था। जिन लोगों ने ये सब अपनी आंखों से देखा है, वो तो यही कहेंगे कि राहत की असल जगह फिल्मी संगीतकार का दरबार नहीं मुशायरे का मंच था। मगर अफसोस कि कोरोना काल में एक और सितारा इस दुनिया को छोड़कर चला गया है।
श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति- शिवराज
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अजीज श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दे।"
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का असर काफी तेजी से फैल रहा है। इंदौर भी शुरुआत में कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था। बीते दिनों ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कोरोना की चपेट में आए थे, हालांकि अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।
Created On :   11 Aug 2020 5:35 PM IST