तेंदुआ पकड़ने पांच दिन से गोलाई में डटा रेस्क्यू दल लौटा खाली हाथ
डिजिटल डेस्क, अमरावती । पिछले 20 दिनों से मेलघाट के गोलाई गांव में प्रवेश कर किसानों के जानवरों पर हमला कर शिकार करनेवाले तेंदुए को पकड़ने के लिए पिछले गुरुवार को वडाली वन विभाग का रेस्क्यू दल शार्पशूटर अमोल गावनेर के साथ मेलघाट रवाना हुआ था। यह दल वहां तेंदुए को ट्रैंक्युलाइज करने पांच दिन डेरा डाले रहा। लेकिन तेंदुआ न आसपास के खेतों में भटका और ना शिकार करने गांव में दाखिल हुआ। आखिरकार इस दल को खाली हाथ अमरावती लौटना पड़ा। सोमवार को सुबह वडाली वन विभाग का यह रेस्क्यू दल गोलाई गांव से अमरावती की ओर रवाना हुआ, जो अपरान्ह अमरावती में दाखिल हो गया।
जानकारी के अनुसार मेलघाट के गोलाई व रानीगांव में रहनेवाले लोगों की खेती अकोट व्याघ्र प्रकल्प, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प प्रादेशिक वन विभाग व धुलघाट वन क्षेत्र आदि चार वन विभाग के वन क्षेत्र को लगकर है। इस क्षेत्र में हमेशा ही वन्यप्राणियों का विचरण रहता है। पिछले एक माह से गोलाई व रानीगांव के खेत शिवार में एक तेंदुए ने दहशत फैला रखी है। गांव के आसपास घूमकर तेंदुआ पालतु प्राणियों पर हमले कर रहा था। पिछले दिनों तेंदुए ने गोलाई गांव के रामजी डाई की दो बकरियां व शेख पाशा शेख चांद की भैंस और उसके बाद नागनाथ डाबकर के खेत में एक बछड़े का शिकार किया था। उसी के दूसरे दिन खेत शिवार से सटे लहु मुंडे के खेत में एक ओर बछड़े का शिकार करने से नागरिकों में बढ़ते रोष को देखते हुए क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल ने तेंदुए के दहशत से आदिवासियों को निजात पहुंचाने वन विभाग पर काफी गंभीर आरोप किए थे। वन विभाग ने इस तेंदुए को पकड़ने गोलाई गांव में एक पिंजरा भी रखा था। लेकिन पिंजरा काफी पुराना व जर्जर रहने से तेंदुआ पिंजरे में जाने के बाद उसे तोड़कर भाग निकला था। इस कारण वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तेंदुए को ट्रैक्यूलाईज कर कैद करने अमरावती वन विभाग के शार्पशुटर अमोल गावनेर के दल मेलघाट में बुलाया था। लेकिन पिछले पांच दिनों से यह तेंदुआ न ही गोलाई गांव की ओर भटका और न ही उसने किसी पालतु प्राणी का शिकार नहीं किया। जिससे आखिरकार सोमवार 20 फरवरी को यह रेस्क्यू दल को अमरावती खाली हाथ लौटना पडा। वरिष्ठों के निर्देश पर सोमवार को यह रेस्क्यू दल अमरावती में दाखल हो गया।
Created On :   21 Feb 2023 3:24 PM IST