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मुख्यालय में न रहने वाले शिक्षकों के वेतन से कटेगा किराया भत्ता
![Rent allowance will be deducted from the salaries of teachers who do not live in the headquarters Rent allowance will be deducted from the salaries of teachers who do not live in the headquarters](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2022/11/rent-allowance-will-be-deducted-from-the-salaries-of-teachers-who-do-not-live-in-the-headquarters_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यालय में नहीं रहने वाले शिक्षकों के वेतन से मकान किराया भत्ता कटौती करने का मौदा पंचायत समिति बीडीओ ने आदेश जारी किया है। प्राथमिक शिक्षक समन्वय समिति इस आदेश के विरोध में उतरी है। बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को अपने मुख्यालय में रहने की शर्त है। उसके बदले में उन्हें मकान किराया भत्ता दिया जाता है। जिला परिषद शिक्षकों पर भी यह नियम लागू है। नियम को दरकिनार कर अधिकांश कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहते। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में यह सबसे बड़ी समस्या है।
संगठन का तर्क
शिक्षकों को मुख्यालय में रहने के संबंध में नए से कोई सूचना नहीं आई। गांवों में रहने के लिए सरकारी निवास व्यवस्था नहीं है। किराए पर मकान नहीं मिलते। समय के साथ गांवों में जाने-आने के लिए रास्ते बन गए हैं। यातायात सुविधा उपलब्ध हो जाने से मुख्यालय में रहने की शर्त कालबाह्य हो गई है। इसलिए आदेश रद्द किया जाए। इस मांग को लेकर शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल सीईओ तथा प्राथमिक शिक्षणाधिकारी से मिला, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग से असहमति जताई। प्रतिनिधिमंडल में लीलाधर ठाकरे, सुनील पेटकर, तुषार अंजनकर, संजय मांगे, धनराज बोड़े, लीलाधर सोनवाने, चंद्रकांत मेश्राम, जुगलकिशोर बोरकर, संतोष मालवे, शुद्धोधन साेनटक्के, उज्ज्वल रोकड़े, अशोक डोंगरे आदि सहभागी हुए।
हाईकोर्ट में प्रकरण न्यायप्रविष्ट
शिक्षकों के वेतन से मकान किराया भत्ता कटौती के विरोध में हाईकोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ में एक याचिका दायर हुई है। महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति जिलाध्यक्ष विलास कंटीकुरे ने यह याचिका दायर की है। 28 नवंबर को इस प्रकरण पर सुनवाई रखी गई है। शिक्षक संगठन का कहना है कि प्रकरण न्यायप्रविष्ट रहने पर मकान किराया भत्ता कटौती करने का निर्णय अनुचित है।
Created On :   21 Nov 2022 10:38 AM IST