शारीरिक शिक्षा के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को हाईकोर्ट में राहत

Relief in High Court to postgraduate students of physical education
शारीरिक शिक्षा के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को हाईकोर्ट में राहत
सीईटी अवधि 14 अक्टूबर तक बढ़ाने का अभिवचन शारीरिक शिक्षा के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को हाईकोर्ट में राहत

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। शारीरिक शिक्षा (बीपीएड) परीक्षा परिणाम घोषित होते ही स्नातकोत्तर (एमपीएड) प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि महज दो दिन दूर होने से विद्यार्थियों के समक्ष अगली शिक्षा को लेकर सवालिया निशान उठने लगे थे। प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तारीख पर बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में चुनौती देने पर न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे व न्यायमूर्ति अरुण पेडणेकर की पीठ में सुनवाई के दौरान राज्य सामूहिक प्रवेश पूर्व परीक्षा कक्षा(सीईटी-सेल) ने 14  अक्टूबर तक मोहलत बढ़ाने का कहने पर डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय ने भी शारीरिक शिक्षा पाठयक्रम के परिणाम10  अक्टूबर से पूर्व घोषित करने का अभिवचन देने के चलते खंडपीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया। नतीजतन, विद्यार्थियों को राहत मिलने के साथ ही मुंबई विभाग में प्रवेश लेने का मार्ग भी खुल गया है।
यह है प्रकरण
इस बाबत सुवर्णा टकले व अन्य 18  विद्यार्थियों ने एड. राजेंद्र गाेडबाेले के जरिए याचिका दायर करते हुए सामूहिक प्रवेश परीक्षा के शारीरिक शिक्षा पदविका पाठयक्रम का निर्णय आने से पूर्व स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए परीक्षा की तारीख घोषित करने के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि सामूहिक प्रवेश पूर्व परीक्षा विभाग ने शारीरिक शिक्षा का परिणाम घोषित नहीं होने से स्नातकोत्तर पाठयक्रम के लिए प्रवेश कैसे ली, यह मुद्दा उपस्थित कर अगली शिक्षा से कई विद्यार्थी वंचित रहने का जिक्र किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया था कि २२-२३ सितंबर को शारीरिक शिक्षा पाठयक्रम की परीक्षा संपन्न हुई, पर उसके परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए गए। इससे पूर्व स्नातकोत्तर परीक्षा की प्रवेश पूर्व परीक्षा की तारीख घोषित की गई। इस बीच, राज्य सामूहिक प्रवेश पूर्व परीक्षा कक्ष ने परीक्षा की अवधि 14 अक्टूबर तक बढ़ाने की जानकारी खंडपीठ को दी। वहीं, विश्वविद्यालय ने शारीरिक शिक्षा पाठयक्रम का निर्णय 10 अक्टूबर तक घोषित करने का कहने पर खंडपीठ ने याचिका का निपटान कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. गाेडबाेले ने पक्ष रखा। उन्हें एड. अनघा पेड़गांवकर, वैभव शिंदे, अनुज डाेंगरे आदि ने सहयोग किया। प्रकरण में विवि की ओर से एड. सिद्धेश्वर ठाेंबरे ने सरकार की ओर से एड डी. आर. काले ने पक्ष रखा। 

Created On :   6 Oct 2022 1:30 PM IST

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