टूटे स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने मजबूर परिजन, इमरजेंसी यूनिट में सात में से पांच स्ट्रेचर टूटे, मरीज के परिजन परेशान

Relatives forced to carry the patient on a broken stretcher
टूटे स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने मजबूर परिजन, इमरजेंसी यूनिट में सात में से पांच स्ट्रेचर टूटे, मरीज के परिजन परेशान
जिला अस्पताल की दुर्दशा टूटे स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने मजबूर परिजन, इमरजेंसी यूनिट में सात में से पांच स्ट्रेचर टूटे, मरीज के परिजन परेशान

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल इन दिनों बदहाल स्थिति से गुजर रहा है। मरीजों को वार्ड तक ले जाने जिन स्टे्रचरों का इस्तेमाल किया जाता है वे जर्जर हालत में है। इमरजेंसी यूनिट जहां गंभीर मरीजों की कतार लगी होती है वहां टूटे स्ट्रेचर रखे गए है। टूटे स्ट्रेचरों से मरीजों को वार्ड तक ले जाने परिजन मजबूर है।   बताया जा रहा है कि इमरजेंसी यूनिट में सात स्टे्रचर है। इनमें से पांच स्टे्रचर जर्जर और टूटी हालत में है। जिला अस्पताल प्रबंधन न तो टूटे स्टे्रचरों की मरम्मत करा रहा है और न ही नए स्ट्रेचर मंगाए जा रहे है। टूटे स्ट्रेचरों की वजह से मरीज को हो रही दिक्कतों पर प्रबंधन का ध्यान नहीं है।

रात के वक्त न स्टे्रचर मिलते है न वार्डबॉ

जिला अस्पताल में रात के वक्त आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दुर्घटना में घायल और गंभीर मरीजों को एम्बुलेंस से इमरजेंसी यूनिट तक ले जाने न तो वार्ड बॉय मिलते हैं और न ही स्ट्रेचर। कई बार ऐसी स्थितियों से परेशान मरीज के परिजन अस्पताल में हंगामा करते हैं।
मरीजों के लिए वार्ड मेंं भी स्ट्रेचर नहीं
अस्पताल में भर्ती मरीजों को एक्सरे, सोनोग्राफी, सीटी स्केन कराने ले जाने के लिए वार्ड में स्टे्रचर उपलब्ध नहीं होते। मरीज के परिजनों को इमरजेंसी यूनिट से वार्ड तक स्ट्रेचर लेकर जाना पड़ता है। तब वे मरीजों को जांच के लिए ले जा पाते हैं। ऐसे हालात मरीज व उनके परिजन खासे परेशान है।
क्या कहते हैं अधिकारी
॥इमजरेंसी यूनिट समेत सभी वार्डों में पर्याप्त स्ट्रेचर उपलब्ध है। टूटे स्ट्रेचरों का लगातार मेंटेनेंस कराया जाता है। ऐसे स्ट्रेचर जो जर्जर हो चुके हैं उनका भी सुधार कार्य कराया जाएगा।
- डॉ.संजय राय
आरएमओ, जिला अस्पताल

Created On :   10 Oct 2022 10:36 AM GMT

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