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नेत्रहीनों के लिए मोबाइल ऐप ला रही है रिजर्व बैंक, नोटों को पहचान होगी आसान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने बॉबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह नेत्रहीनों को नोट पहचानने में आसानी हो इसके लिए मोबाइल ऐप विकसित करने की प्रक्रिया में है। आरबीआई की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेत्रहीनों की नोट पहचानने से जुड़ी समस्या का समाधान निकालने के लिए आरबीआई ने विशेषज्ञों की एक चार सदस्यीय कमेटी भी गठित की है।
नोट पहचानने में नेत्रहीनों को होनेवाली दिक्कतों को आधार पर नेशनल एसोसिएशन फार ब्लाइंड(नैब) की ओर से दायर याचिका पर खंडपीठ के सामने सुनवाई चल रही है। इस दौरान
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने कहा कि स्पर्श के जरिए नेत्रहीनों को नए नोट व सिक्के पहचानने में मुश्किले आ रही है। इस पर आरबीआई की ओर से पैरवी कर रहे देसाई ने कहा कि सौ रुपए से उपर की आयी नई नोटो में ऐसा मार्क बनाया गया है जिससे नेत्रहीनों को नोट पहचानने में दिक्कत न हो। इसके अलावा एक साफ्टवेयर व ऐप विकसित करने की प्रक्रिया जारी है जिससे नेत्रहीनों को नोट पहचानने से जुड़ी दिक्कते दूर हो सके। यह ऐप नेत्रहीनों को निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए तकनीकि क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि आरबीआई नोटों को साफ सुथरा रखने को लेकर भी लोगों को जागरुक करे। क्योंकि नोटों पर अक्सर पेन से कई अंक व चिन्न बना दिए जाते है। उन्होंने सुझाव स्वरुप नैब को कहा कि वह भी अपने स्तर पर साफ्टवेयर विकसित करने की दिशा में कदम उठाए। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। सिक्कों की पहचान से से जुड़ी नेत्रहीनों की दिक्कतों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने को कहा है।
Created On :   23 March 2019 6:16 AM GMT