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प्रधानमंत्री आवास को लेकर राज्य व केंद्र के बीच ‘रार’
डिजिटल डेस्क, रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राज्य व केंद्र सरकार आमने-सामने है। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2021 से पहले के मंजूर किए आवासों के लिए डेडलाइन तय कर दी है। यदि अगले 10 दिनों में पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत बनने वाले मकान बनने शुरू नहीं हुए तो केंद्र सरकार स्वीकृत मकान को निरस्त कर देगा या फिर इनकी संख्या में कटौती कर दी जाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने के प्रोजेक्ट को वापस ले लिया गया था। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर दोहराया है कि ‘ भारत सरकार ने हमें सेंट्रल एक्साइज सहित कोयला पैनाल्टी की बड़ी राशि नहीं दे रही है। हमें केंद्र पैसा दे। पैसा होगा तो हम गरीबों को मकान बना कर देंगे।’ इस बीच राज्य सरकार ने सभी निकायों को चेतावनी दी है, कि तय समय में मकानों का निर्माण कार्य शुरू कर दें।
भाजपा चुनावी मुद्दा बना रही
पीएम आवास को लेकर राज्य व केंद्र के बीच आने वाले समय में टकराव यूँ भी ज्यादा बढऩा हैक्योंकि भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बनाए हुए है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरूण साव ने लोकसभा में शून्यकाल दौरान पीएम आवास का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने राज्यांश के नाम पर 11 लाख से अधिक गरीब परिवारों का आवास रोक दिया है। साव ने यह मुद्दा संसद में ऐसे समय उठाया जबकि संगठन की रणनीति के अनुसार प्रदेश भाजपा पीएम आवास को लेकर आंदोलनों और धरना-प्रदर्शन के जरिए भूपेश बघेल सरकार को घेरने का काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी बिलासपुर में हुई महतारी हुंकार रैली में यह मुद्दा उठा चुकी हैं।
Created On :   22 Dec 2022 6:38 AM GMT