पश्चिम बंगाल: नंदीग्राम में गरजे राकेश टिकैत, कहा- अब संसद में खुलेगी मंडी, वहीं बेचेंगे फसल

Rakesh Tikait in Nandigram said - Now the market will open in Parliament, will sell crops there
पश्चिम बंगाल: नंदीग्राम में गरजे राकेश टिकैत, कहा- अब संसद में खुलेगी मंडी, वहीं बेचेंगे फसल
पश्चिम बंगाल: नंदीग्राम में गरजे राकेश टिकैत, कहा- अब संसद में खुलेगी मंडी, वहीं बेचेंगे फसल

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। बंगाल के सियासी घमासान में अब किसान आंदोलन की भी एंट्री हो गई है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत शनिवार को बंगाल पहुंचे। यहां नंदी ग्राम में उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगला टारगेट संसद पर फसल बेचने का होगा। संसद में मंडी खुलेगी। उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा है कि मंडी के बाहर कही भी सब्जी बेच लो तो हम वैसा ही करेंगे। जब तक कानून वापस नहीं होगा और बंगाल के किसान को जब तक एसएसपी पर रेट नहीं मिलेगा, तब तक दिल्ली बॉर्डर से किसान नहीं हटेंगे।

इससे पहले वे कोलकाता के भवानीपोरा में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल हुए। इस दौरान टिकैत ने कहा कि आप भाजपा को वोट मत दीजिए, भले चाहे किसी और पार्टी को दे दीजिए। हम यहां क्रांतिकारियों की धरती से अपनी लड़ाई आगे बढ़ाने आए हैं। जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं।

उन्होंने कहा कि पूरी सरकार दिल्ली छोड़कर बंगाल में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त है। इसीलिए हमारे सारे नेता भी यहां पहुंच गए हैं। सरकार किसानों से बात नहीं कर रही। हम आंदोलन 8 और महीने चलाने के लिए भी तैयार हैं। जब सरकार आंदोलन वापस नहीं ले लेती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे, हम उन्हें फॉलो करेंगे। इसके बाद टिकैत शाम को नंदीग्राम में भी किसानों को संबोधित करेंगे। वे रविवार (14 मार्च) को सिंगूर और आसनसोल में भी किसान महापंचायत करेंगे।

किसान संगठन बोले- भाजपा का बहिष्कार करें
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। SKM ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम बंगाल के किसानों से अपील करते हैं कि वे भाजपा का बहिष्कार करें और उसे वोट न दें। चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा सरकार कृषि कानून वापस लेना ही पड़ेगा।

हमारा मकसद भाजपा को सबक सिखाना: SKM
SKM नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं और न ही लोगों से किसी पर्टिकुलर पार्टी को वोट देने के लिए कह रहे हैं। हमारा मकसद है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के कानों तक हमारी बात पहुंचाने के लिए जरूरी है कि आगामी चुनाव में उसका नुकसान किया जाए।

कुछ कॉरपोरेट्स के हाथों देश को बेचने की कोशिश : पाटकर
भाजपा पर आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि सरकार कुछ कॉरपोरेट्स के हाथों देश को बेचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सावधानी से अपने मताधिकार का प्रयोग करें। किसानों का अपमान करने के लिए केंद्र की निंदा करते हुए पाटकर ने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने भी इसका सहारा नहीं लिया था, जिसे मौजूदा सरकार कानून का रूप दे रही है। उन्होंने बंगाल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ पास किए गए रिजोल्यूशन का स्वागत किया।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कर रहे प्रदर्शन
26 नवंबर 2020 से कई किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका। जिसके बाद अब किसान मोर्चा ने चुनावों में भाजपा के खिलाफ लोगों से वोट की अपील करने का फैसला किया है।

 

Created On :   13 March 2021 11:01 PM IST

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