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राजगोंड भी अनुसूचित जनजाति का हिस्सा, चयन सही
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी पदभर्ती के लिए आवेदन करते वक्त गोंड जनजाति का जाति वैधता प्रमाण-पत्र लगाने वाले राजगोंड जाति के उम्मीदवार का चयन राज्य सरकार ने रोक दिया था। राज्य सरकार के इस फैसले को खारिज करते हुए महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (मैट) ने फैसला दिया है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राजगोंड भी अनुसूचित जनजाति का ही हिस्सा है। ऐसे में उम्मीदवार का चयन एकदम योग्य है।
यह है मामला
रामटेक निवासी राजगोविंद फूलचंद मडावी (29) ने महिला व बाल कल्याण विभाग के वार्डन पद के लिए आवेदन किया था। राजगोंड जाति के इस उम्मीदवार ने अपने आवेदन में गोंड जनजाति का जाति वैधता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था। विभाग ने चयन सूची जारी की तो उम्मीदवार का नाम वेटिंग लिस्ट में 5वें क्रमांक पर था। इसके बाद उन्हें भांडे ले-आउट स्थित अनुसूचित जनजाति के छात्रावास के वार्डन के रूप में नियुक्त किया गया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनकी नियुक्ति जाति वैधता प्रमाण-पत्र के आधार पर रद्द कर दी गई, जिसके चलते उम्मीदवार ने मैट की शरण ली थी।
Created On :   2 Sept 2021 9:49 AM IST