राजे के सहयोगी ने लिया यू-टर्न, अपने ही नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव नहीं लाएंगे

Rajes aide took a U-turn, will not bring a motion of censure against his own leader
राजे के सहयोगी ने लिया यू-टर्न, अपने ही नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव नहीं लाएंगे
राजस्थान राजे के सहयोगी ने लिया यू-टर्न, अपने ही नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव नहीं लाएंगे
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  • राजे के सहयोगी ने लिया यू-टर्न
  • अपने ही नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव नहीं लाएंगे

डिजिटल डेस्क, जयपुर। भाजपा और आरएसएस के नेताओं को पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को उनके पद से हटाने की मांग करने वाले पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल ने पार्टी राज्य प्रमुख अरुण सिंह के साथ बातचीत के बाद यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी निंदा प्रस्ताव लाने की कोई योजना नहीं है।

मेघवाल को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है। उनके पत्र ने गुरुवार को निर्धारित विधानसभा सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मेवाड़ की सियासत में गुटबाजी तेज कर दी है। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को जयपुर भेजा। सिंह ने बुधवार को मेघवाल से लंबी बातचीत की और बैठक के तुरंत बाद, मेघवाल ने कहा, पार्टी ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की है और इसलिए हमें पार्टी के हित में काम करने की जरूरत है। इसलिए मैं निंदा प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। हमें कांग्रेस के खिलाफ एक साथ होकर लड़ना होगा।

जयपुर पहुंचने के बाद अरुण सिंह ने मीडिया से कहा, इस तरह की टिप्पणियों से पार्टी और उसके कामकाज को नुकसान पहुंचता है। हम सही समय पर सही कार्रवाई करेंगे। इस बीच भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में सुबह 10 बजे विधायकों की बैठक बुलाई है, जहां विभिन्न मुद्दों पर सत्ताधारी सरकार पर हमला करने की रणनीति बनाई जाएगी। सिंह ने पत्र विवाद पर बोलते हुए कहा, पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को याद रखना चाहिए कि पार्टी सभी के लिए पवित्र स्थल है। लाखों कार्यकर्ता ऐसे हैं जिन्हें कुछ नहीं मिला, लेकिन पार्टी के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। हालांकि, दुख होता है जब वे नेता टिप्पणी करते हैं, जो सांसद और विधायक रहे हैं। कार्यकर्ता को हमेशा अपने बारे में सोचने से पहले पार्टी के हित के बारे में सोचना चाहिए।

उन्होंने कहा, हम पिछले कुछ महीनों से ऐसे नेताओं के पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने का रिकॉर्ड रख रहे हैं और सही समय पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मेघवाल ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखा था और स्पष्ट किया था कि वह मांग क्यों उठा रहे हैं। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और भगवान राम पर कटारिया की टिप्पणियों ने पिछले तीन उपचुनावों में भाजपा के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कटारिया पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के समय से ही मेघवाल और कटारिया राजस्थान में राजनीतिक प्रतिद्वंदी के रूप में जाने जाते हैं। पत्र के वायरल होने के बाद कटारिया ने बयान जारी कर कहा था, पार्टी नेताओं द्वारा लिए गए किसी भी फैसले को मैं मानने के लिए तैयार हूं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   9 Sept 2021 1:00 PM IST

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