रेल विभाग 800 से 1200 रु. की बजाए 75 से 150 रु. फीट में कर रहा भूमि अधिग्रहण

Railway Department 800 to 1200 Rs. 75 to 150 instead of Rs. Acquisition of land in feet
रेल विभाग 800 से 1200 रु. की बजाए 75 से 150 रु. फीट में कर रहा भूमि अधिग्रहण
गड़चिरोली रेल विभाग 800 से 1200 रु. की बजाए 75 से 150 रु. फीट में कर रहा भूमि अधिग्रहण

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  बहुप्रतीक्षित देसाईगंज-गड़चिरोली रेल मार्ग निर्माणकार्य की अटकलें थमने का नाम नहीं ले रही है। अब भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान भूधारकों ने वर्तमान बाजार दरों के अनुसार जमीन की कीमतें नहीं देने का आरोप लगाते हुए रेल मार्ग के लिए अपनी जमीनें नहीं देने का निर्णय लिया है। वर्ष 2017 में तय की गई दरों के हिसाब से भूधारकों को मुआवजा मंजूर किया जा रहा है। गड़चिरोली शहर के संबंधित 36 भूधारकों ने शुक्रवार को एक पत्र-परिषद के माध्यम से प्रशासन के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। साथ ही प्रति एकड़ 2 करोड़ रुपए अथवा जमीन का पांच गुना मुआवजा देने की मांग की है।

ऐसा न करने पर बेमियादी अनशन करने के साथ साथ समय आने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी दी है।  पत्र-परिषद में अन्यायग्रस्त भूधारकों ने पत्रकारों को बताया कि, रेलवे मंत्रालय ने आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में रेल मार्ग के निर्माणकार्य को मंजूरी प्रदान की है। देसाईगंज-गड़चिरोली रेल मार्ग के निर्माण से जिला विकास के पथ पर दौड़ेगा, लेकिन इसी रेल मार्ग के निर्माणकार्य के लिए गरीब लोगों की जमीनें कम दामों में खरीदकर लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। 2017 से अब तक राज्य के मंत्रीगणों के साथ जिला प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में शहर में जमीनों की कीमतें 800 से 1200 रुपए चौ. फीट है। मात्र प्रशासन द्वारा 75 से 150 रुपए चाै. फीट के हिसाब से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चलाई जा रही है। 

शहर के कारमेल स्कूल के पीछे के हिस्से में रेलवे स्टेशन प्रस्तावित किया गया है। इस क्षेत्र में सरकारी कार्यालयों के साथ जिले का एकमात्र जिला स्टेडियम और राष्ट्रीय महामार्ग मौजूद है। किसी भी निजी व्यक्ति को जमीन की बिक्री करने पर आसानी से 1200 रुपए चौ. फीट का रेट मिलेगा, लेकिन प्रशासन ने लोगों पर दबावतंत्र का उपयोग करते हुए कवड़ीमोल दाम में जमीनें हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। फलस्वरूप बाजार दरों के अनुसार प्रति एकड़ 2 करोड़ अथवा पांच गुना मुआवजा देने की मांग भूधारकों ने की है। ऐसा न करने पर बेमियादी अनशन के साथ न्यायालय से गुहार लगाने की चेतावनी भी भूधारकों ने दी है। पत्र-परिषद में सुभाष कावले, नितिन संगीडवार, विजय सालवे, रंजन टेप्पलवार, निखिल गोरे, मनोह बाहेती, लीना बुरीवार, वंदना मडावी, विजय मेश्राम, भूषण गेडाम, आतिष बांबोले, अर्चना पोटवार, आतिष गेडाम, होमेश्वर िचलबुले, विजय सरजुसे, अमोल आप्पलवार, मीना वखरे, सुरेश खोब्रागड़े आदि भूधारक उपस्थित थे।  

 

Created On :   25 Jun 2022 6:53 PM IST

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