रेल की धड़कन हुई शांत : ओम प्रकाश वर्मा नहीं रहे

Rail beats calmed down: Om Prakash Verma is no more
रेल की धड़कन हुई शांत : ओम प्रकाश वर्मा नहीं रहे
समस्याओं को लेकर लड़ते रहे रेल की धड़कन हुई शांत : ओम प्रकाश वर्मा नहीं रहे

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । मराठवाडा रेल विकास समिति के संस्थापक अध्यक्ष तथा वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी गोविंदभाई श्रॉफ के साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहने वाले रेलवे के जानकार ओमप्रकाश मोतीलाल वर्मा का  निधन हो गया। वह 75 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार शाम पांच बजे शहर के प्रतापनगर श्मशानभूमि में किया गया।

दिवंगत वर्मा पिछले कई दिनों से विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त थे। उनका उपचार एमआईटी अस्पताल में शुरू था। इनके पीछे एक लडका, चार लडकियां, विधवा पत्नी व नाती-पोते ऐसा बडा परिवार है। इनके निधन से मराठवाडा रेल क्षेत्र को काफी क्षति पहुंची है। रेल समस्याओं के निपटारे के लिए उठने वाली आवाज अब शांत पड गई है, ऐसी भावना व्यकत की जा रही है। बता दें कि बेहद सादी जिंदगी गुजारने वाले लेकिन समाज के प्रति सजग श्री वर्मा की आर्थिक स्थिति काफी विकट थी। चार साल पहले सरस्वती भुवन शिक्षण प्रसारण मंडल के सभागार में उनका सत्कार किया जा रहा था, उस दौरान विभिन्न संस्थाओं व संगठनों ने इनकी आर्थिक मदद की थी।

रेल मार्ग के लिए आंदोलन

श्री वर्मा ने एक समय स्वतंत्रता सेनानी गोविंदभाई श्रॉफ के साथ मिलकर मनमाड से नांदेड ब्रॉडगेज रेल लाइन के लिए आंदोलन किया था। उन्हें सफलता भी मिली और कुछ सालों बाद यह मार्ग ब्रॉडगेज हुआ। डबल रेललाइन के लिए भी यह लडाई लडते रहे। दौलताबाद से चालीसगांव व रोटेगाव से कोपरगाव मार्ग के लिए काफी प्रयत्नशील रहे। इनके प्रयास से ही इन मार्गों का सर्वेक्षण शुरू हुआ। पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान उनसे सोलापुर से जलगाव मार्ग के लिए मांग की। इसके सर्वेक्षण के लिए पैठन में वर्मा के हाथों नारियल फोड कर काम का शुभारंभ भी किया गया। नागरसोल से चेन्नई व औरंगाबाद से धनबाद आदि रेलसेवा के लिए भी उनका योगदान याद किया जाएगा। मराठवाडा में रेल सुविधा के लिए दिल्ली के जंतरमंतर पर आंदोलन भी किया। विशेष कि अपनी मांगों को पूरा करवाने स्वयं के खून से लिखित राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रेल मंत्री व दक्षिण मध्य रेल जनरल मैनेजर को पत्र भी भेजा।

कई काम रहे अधूरे

स्वयं के पेंशन का पैसा खर्च कर रेल समस्याओं को दूर करने आवाज उठाने वाले श्री वर्मा के निधन से मराठवाडा को काफी नुकसान पहुंचा है। श्री साईबाबा संस्थान के शताब्दी वर्ष के अवसर पर रोटेगाव से कोपरगांव मार्ग निर्माण की काफी इच्छा थी, लेकिन यह इच्छा अंत तक पूरी नहीं हुई, इसका उन्हें अवश्य मलाल रहेगा। बता दें कि इसके लिए उनहोंने वर्ष 2018 में वैजापुर में स्वतंत्रतासेनानी ताराबाई लड्‌डा के साथ आंदोलन किया तथा हैदराबाद जाकर दक्षिण मध्य रेल विभाग को निवेदन सौंप कर कई बार मांग की। अब इन सब समस्याओं को उठाने वाला हमारे बीच से उठ चुका है।

Created On :   26 Sept 2022 10:29 AM IST

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