रायगढ़ : बच्चे शिक्षा, हुनर और खेलकूद के कौशल से बनाए अपनी विशिष्ट पहचान- श्री भूपेश बघेल

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रायगढ़ : बच्चे शिक्षा, हुनर और खेलकूद के कौशल से बनाए अपनी विशिष्ट पहचान- श्री भूपेश बघेल

डिजिटल डेस्क, रायगढ़। रायगढ़ की ज्योति पटेल के सवाल का भी मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दिया जवाब मुख्यमंत्री ने मासिक रेडियो वार्ता "लोकवाणी " में "बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य " विषय पर रखे अपने विचार रायगढ़, 8 नवम्बर 2020 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 12 वीं कड़ी में बच्चों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चे अपनी सेहत, शिक्षा, हुनर, खेलकूद के कौशल के उच्च मानदंड हासिल कर, लगन और संस्कार से देश-दुनिया में अपनी अलग और विशिष्ट पहचान बनाएं। राज्य सरकार द्वारा बच्चों की अच्छी सेहत, उनकी बेहतर शिक्षा, हुनर विकसित करने, खेल कौशल को उत्कृष्ट बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने और उसके संवर्धन, संरक्षण के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. लोकवाणी में "बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य " विषय पर बच्चों और प्रदेशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने सभी बच्चों को बाल दिवस के साथ प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनायें दी। रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखंड के नेक नांगर में कक्षा 5 वी में पढऩे वाली ज्योति पटेल ने पूछा कि चाचा नेहरू फैंसी ड्रेस छोड़कर हमेशा खादी के कपड़े और टोपी क्यों पहनते थे? मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बच्ची के सवाल का जवाब देते ही कहा कि नेहरू जी विदेश से पढ़ाई कर लौटने के बाद जल्दी ही गांधी जी के सम्पर्क में आ गए थे। गांधी जी की प्रेरणा से वे देशप्रेम, त्याग, सादगी और आजादी की लड़ाई का महत्व समझते हुए गांधी जी की तरह खादी के कपड़े पहनने लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेहरू जी बच्चों में देश का भविष्य देखते थे और मानते थे कि भारत के बच्चे जितने शिक्षित और स्वस्थ होंगे, देश का भविष्य भी उतना ही सुरक्षित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू से जब पूछा जाता था कि भारतमाता कौन है? तब वे कहते थे कि नदियों, पहाड़ों, खेतों, खलिहानों, जंगलों, मैदानों के साथ ही इस देश के करोड़ों बेटे-बेटियां ही भारतमाता हैं। नेहरू जी बहुलतावादी समाज व्यवस्था पर विश्वास करते थे अर्थात विविधता में एकता ही हमारी ताकत है। उन्होंने बच्चों को बताया कि जब पंडित नेहरू ने प्रधानमंत्री पद सम्भाला था, तब भारत की स्थिति एक जर्जर राष्ट्र के रूप में थी क्योंकि यहां जो कुछ था सब अंग्रेज पहले ही लूटकर ले गए थे। नेहरू जी ने सीमित संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए पंचवर्षीय योजनाएं शुरू कीं ताकि खूब सोच विचार के साथ भारत का नवनिर्माण हो। वे जितने परम्परा, प्रकृति के पोषक थे, उतने ही आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से काम करने वाले थे। यही वजह है कि उनकी दूर की सोच से भारत का एक मजबूत ढांचा खड़ा किया गया, जो नई पीढ़ी के लिए खूब सारे अवसर लेकर आया। नेहरू जी बच्चों को सच्चाई और भलाई के रास्ते पर ले जाना चाहते थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में बताया कि छत्तीसगढ़ में कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। खेलों के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि नारायणपुर जिले में खेलो इंडिया केन्द्र प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। मल्लखम्भ अकादमी के लिए भूमि उपलब्ध कराकर आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था करायी जा रही है। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि बच्चों की सेहत और ये खुशी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। खिलखिलाता हुआ बचपन हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। हम चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ के बच्चे अपनी सेहत, शिक्षा, हुनर, खेलकूद के कौशल, लगन, संस्कार के लिए अलग से पहचान बनाएं। आपको ध्यान होगा कि कोरोनाकाल में हम स्कूलों में बच्चों को सूखा राशन दे रहे थे और आंगनबाडिय़ों में हमने गर्म खाना देना शुरू किया है। इस दिशा में हमारी योजनाएं और नवाचार लगातार जारी रहेंगे।

Created On :   9 Nov 2020 1:16 PM IST

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