22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की रबी फसलें गईं पानी में

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
गड़चिरोली 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की रबी फसलें गईं पानी में

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  धान उत्पादक गड़चिरोली जिले में इस वर्ष इंद्र देवता ने किसानों को संकट में डाल दिया है। खरीफ की धान फसल हाथ से निकल जाने के बाद भी बेमौसम बारिश ने रबी की फसलों पर भी पानी फेरना शुरू कर दिया है। लगातार दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश ने गड़चिरोली जिले की 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की रबी फसलों को तबाह कर दिया है। इसमें प्रमुखता से ज्वार, गेहूं, मका, चना, लाख, उड़द, मूंग और मिर्च की फसलों का समावेश है। विभिन्न प्रकार की सब्जियों की फसल भी पूरी तरह नष्ट हो जाने से किसान संकट में फंस गया है। इस संकट से उबारने के लिए अब किसान सरकारी मदद की प्रतीक्षा करने लगे हैं। 

गड़चिरोली जिले में इस वर्ष रबी सत्र के दौरान कुल 22 हजार 927.50 हेक्टयेर खेती में फसलें लगायी गयी है। खरीफ सत्र में हुए नुकसान से उबरने के लिए किसानों ने यह प्रयास किया था। जिले में पहले ही किसी तरह की सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में खरीफ के दौरान किसानों ने कृषि पंप की मदद से धान की फसलों को सिंचित किया था। मात्र फसलों की कटाई के दौरान ही जिले में बेमौसम बारिश ने दस्तक दी। जिसके कारण हाथ में आयी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गयी थी। खेत में धान के ढ़ेर भी पूरी तरह भीग जाने से धान पूरी तरह काला पड़ गया। इस नुकसान से उबरने के लिए ही किसानों ने रबी सत्र में प्रयास किया था। मात्र इस दौरान भी इंद्र देवता अपनी कृपा नहीं कर पाये। लगातार दो दिनों तक हुई बेमौसम बारिश के कारण खेतों में जलजमाव की स्थिति निर्माण हाे गयी है। मिर्च उत्पादक किसानों के खेतों में अब मिर्च के छोटे-छोटे पौधे उगने लगे हंै। मात्र ऐसी स्थिति में ही पूरा खेत पानी से भर जाने के कारण किसानों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने इस संकट से उबारने के लिए अब सरकार से वित्तीय सहायता की गुहार भी लगायी है। 

Created On :   13 Jan 2022 2:58 PM IST

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