ताजपोशी: पुष्कर सिंह धामी रविवार शाम 5 बजे लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, चार महीने में राज्य के तीसरे CM होंगे

Pushkar Singh Dhami to take oath as CM sunday at 5 pm at Raj Bhavan
ताजपोशी: पुष्कर सिंह धामी रविवार शाम 5 बजे लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, चार महीने में राज्य के तीसरे CM होंगे
ताजपोशी: पुष्कर सिंह धामी रविवार शाम 5 बजे लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, चार महीने में राज्य के तीसरे CM होंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड को चार महीने में तीसरा मुख्यमंत्री मिल गया है। तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद देवभूमि की कमान पुष्कर सिंह धामी के हाथों में सौंप दी गई है। भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति के साथ धामी को विधायक दल का नेता चुना गया। भाजपा ने तमाम अनुभवी विधायकों को दरकिनार करते हुए युवा चेहरे को तवज्जो दी है। धामी कल यानी रविवार शाम 5 बजे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण करेंगे। 

विधायक दल की बैठक के तुरंत बाद पुष्कर सिंह धामी के साथ भाजपा के सभी नेता राजभवन पहुंचे। वहां राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शनिवार को धामी विधायक दल के नेता चुने गए हैं। वे रविवार को शपथ लेंगे। धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुने गए हैं। धामी का चुनाव केंद्रीय पर्यवेक्षकों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. पुरंदेश्वरी की उपस्थिति में हुआ था। बैठक में उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम भी मौजूद रहे।

पुष्कर सिंह धामी ऊधम सिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक हैं। धामी की युवाओं में अच्छी पकड़ है। उनका जन्म 16 सितंबर 1975 में पिथौरागढ़ के डीडी हाट में हुआ था। और उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। इसके बाद 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में काम किया। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। धामी कुमायूं क्षेत्र के बड़े राजपूत चहेरे भी हैं।

तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। रावत गढ़वाल से लोकसभा सदस्य थे और नियमों के अनुसार, मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के छह महीने के भीतर एक निर्वाचित विधायक के रूप में शपथ लेने की आवश्यकता होती है।

रावत को अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर से पहले राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित होना था, जो कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान के कारण नहीं हो सका, जिसमें कहा गया है कि यदि सदन के संबंध में बचा कार्यकाल होता है तो खाली सीट के लिए उपचुनाव नहीं हो सकते। चुनाव आयोग ने भी कोविड महामारी के कारण कोई चुनाव नहीं कराने का फैसला किया है। तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 

Created On :   3 July 2021 10:56 PM IST

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