शासकीय कार्यों में बाधा डालने वाले को सश्रम कारावास की सजा और जुर्माना भी 

Punishment of rigorous imprisonment and fine also for those obstructing government work
शासकीय कार्यों में बाधा डालने वाले को सश्रम कारावास की सजा और जुर्माना भी 
बुलढाणा शासकीय कार्यों में बाधा डालने वाले को सश्रम कारावास की सजा और जुर्माना भी 

डिजिटल डेस्क, खामगांव(बुलढाणा)। शासकीय काम में बाधा निर्माण कर कर्मचारी को उसके कर्तव्य से परावृत्त एवं महिला कर्मचारी के साथ बदसलूकी के मामले में खामगांव की न्यायालय ने एक आरोपी को तीन साल की सख्त मजदूरी की सजा सुनाई। आकाश उर्फ भीमा बाजीराव वानखडे उम्र 22 निवासी गारडगांव आरोपी का नाम है जिसके विरुद्ध जिला न्यायाधीश 2 तथा सहा सत्र न्यायाधीश प्रसाद कुलकर्णी ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, खामगांव ग्रामीण पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गारडगाव के शासकीय कर्मचारी के काम में बाधा निर्माण कर कर्मचारी को उसके कर्तव्य से उसने रोका। उसी तरह उपस्थित महिला कर्मचारी की बदसलूकी की। मामले में गारडगांव निवासी  आकाश उर्फ भीमा बाजीराव वानखडे ( 22)  के विरोध में खामगांव ग्रामीण पुलिस थाने में अप. क्रमांक 391/2019 तहत भादंवि धारा 353, 332 तथा 294 तहत अपराध दर्ज किया है।  मामले में  खामगांव के सहायक सत्र न्यायाधीश प्रसाद कुलकर्णी ने भादवि की धारा 235 (2) तहत उसे दोषी ठहराया। भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 332, 294 तहत सजा पात्र अपराध के लिए धारा 353 भादंवि के तहत 3 साल की सख्त मजदूरी एवं एक हजार रुपए जुर्माना एवं जुर्माना न भरने पर एक माह सख्त मजदूरी की सजा सुनाई गई। भा.द वि धारा 332 में तीन साल सख्त मजदूरी उसी तरह धारा 294 के भा द वि में एक माह सख़्त मजदूरी की सजा एवं 500 रुपए जुर्माना एवं जुर्माना न भरने पर आठ दिन की अतिरिक्त सख़्त मजदूरी की सजा सुनाई गई। इस मामले में सरकार का पक्ष अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता मतिन ने रखा। कोर्ट का काम पुहेकां चंदा शिंदे ने देखा। 

Created On :   31 Dec 2022 5:44 PM IST

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