भूख हड़ताल कर रहे शिक्षक के पक्ष में जनता ने लगाया जाम

Public jammed in favor of hunger strike teacher
भूख हड़ताल कर रहे शिक्षक के पक्ष में जनता ने लगाया जाम
 सिवनी भूख हड़ताल कर रहे शिक्षक के पक्ष में जनता ने लगाया जाम

डिजिटल डेस्क  सिवनी अपने निलंबन के खिलाफ पिछले तीन दिनों से भूख हड़ताल कर रहे शिक्षक के समर्थन में शनिवार को लोगों ने घंसौर विकासखंड के डुंगरिया में जाम लगा दिया। जिससे वाहनचालकों और सवारियों को खासी परेशानी हुई। जाम लगाए जाने की सूचना मिलने के बाद आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और बहाली का आश्वासन देकर जाम खत्म कराया। हालांकि सहायक आयुक्त का कहना है कि निलंबन रद्द नही किया जाएगा।

क्या है मामला

शासकीय उमावि झिंझरई के शिक्षक सुखचैन मरावी आठ दिसंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। शिक्षक का कहना है कि उन्हे उनकी मूल शाला झिंझरई में पदस्थ किया जाए। सुखचैन मरावी को शिक्षक विहीन शाला कहते हुए प्राथमिक शाला पिपरिया में पदस्थ किया गया था। जनशिक्षा केंद्र प्रभारी झिंझरई द्वारा उन्हें सात सितंबर २१ को प्राथमिक शाला सिंघनपुरी में अध्यापन हेतु भेजा गया था। १९ अक्टूबर २२ को प्रधानपाठक प्राथमिक शाला सिंघनपुरी द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया था। उन्हे जनशिक्षा केद्र प्रभारी झिंझरई द्वारा चार नवंबर को पुन: प्राथमिक शाला सिंघनपुरी वापस कर दिया गया किंतु प्रधानपाठक द्वारा पद ग्रहण नहीं करने दिया गया। ज्वाइनिंग न करने के कारण इस महीने की शुरुआत में मरावी को निलंबित कर दिया गया था। जिस कारण उन्होंने भूख हड़ताल शुरु कर दी थी।

लोगों ने लगाया जाम

शिक्षक की भूख हड़ताल शुरु किए जाने पर भी अधिकारियों के न पहुंचने और मांग पूरी न होने पर शनिवार को स्थानीय लोगों ने शिक्षक के समर्थन में चकाजाम कर दिया गया। सुबह नौ बजे से शुरु हुए चकाजाम की सूचना मिलने के बाद किंदरई पुलिस, तहसीलदार घंसौर, बीआरसीसी संदीप उपाध्याय, अमरसिंह उइके सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीण शिक्षक की मूल शाला में बहाली की मांग पर अड़े हुए थे। जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने निलंबन बहाली का आश्वासन दिया। ग्रामीणों के आश्वासन के बाद लगभग दो बजे जाम खत्म कर दिया गया।

जनप्रतिनिधियों में नजर आया आक्रोश

स्थानीय जनपद अध्यक्ष सरिता उइके भी शनिवार को अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मौके पर पहुंची। उनका कहना था कि एक ओर सरकार पेसा एक्ट जैसे प्रावधान लाकर आदिवासियों के विकास की कोशिश कर रही है वहीं एक आदिवासी शिक्षक को इस तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है। जनपद सदस्य चंद्रशेखर चतुर्वेदी का कहना है कि शिक्षक और स्थानीय लोगों की भावनाओं का आदर किया जाना चाहिए।

इनका कहना है,

लोगों ने जाम लगा दिया था। जिसके बाद हम और अधिकारी मौके पर पहुंचे और समस्या का निराकरण करा दिया गया। शिक्षकों की बहाली की जाएगी।
संदीप उपाध्याय, बीआरसीसी घंसौर
लोगों को समझाइश देकर जाम और भूख हड़ताल खत्म करा दिया गया है। निलंबित शिक्षक को अभी बहाल नहीं किया जाएगा।
-अमर सिंह उइके, सहायक आयुक्त, अजाक सिवनी

Created On :   11 Dec 2022 4:41 PM IST

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