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पेंच में पीआरटी टीम बनाई, युवा रोकेंगे मानव-वन्यजीव संघर्ष
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मानव व वन्यजीव में होने वाला संघर्ष रोकने की जिम्मेदारी अब वन विभाग के साथ ग्राम निवासी युवकों की भी होगी। हाल ही में पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत आने वाले विभिन्न गांव निवासी 189 युवकों को साथ लेकर प्राइमरी रिस्पॉन्स टीम तैयार की है। इस टीम सदस्य को प्रशिक्षण दिया गया है। गांव में अचानक आने वाले वन्यजीव हो या जंगल में लगने वाली आग, इसे यही युवक रोकेंगे।
जंगल के करीब हैं कई गांव
पेंच व्याघ्र प्रकल्प 789 स्क्वेयर किमी का जंगल है। यहां वन्यजीवों की कमी नहीं है। हरियाली से सराबोर परिसर में 50 के करीब बाघ हैं। इसके अलाव अन्य वन्यजवी भी शामिल हैं। परिसर के बफर इलाके में कई गांव भी हैं, जो जंगल से बहुत कम दूरी पर हैं। ऐसे में कई बार गांव निवासी जंगल में मवेशी चराने या लकड़ियां लाने के लिए जाते रहते हैं। गर्मी में पानी की तलाश में कई बार वन्यजीव जंगल सीमा के बाहर निकल जाते हैं। जिससे आए दिन मानव-वन्यजीव की स्थिति निर्माण हो जाती है। जिससे कभी इंसानों की मौत तो कभी वन्यजीवों की मौत होती है। वन विभाग के कर्मचारी हर पल तैनात नहीं होने से यह घटना बढ़ रही है। ऐसे में अब पेंच में 189 ग्राम युवकों को जंगल का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया है। जिसे प्राइमरी रिस्पोस टीम का नाम दिया है। इस टीम को इससे पहले प्रादेशिक इलाके में भी बनाया है। पेंच में भी इस बार इस टीम का गठन किया है। प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसी के साथ पिररिया कैम्पस, पवनी यूनिफाइड कंट्रोल रेंज में एक रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट का भी गठन किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपसंचालक प्रभुनाथ शुक्ला ने पीआरटी टीम का महत्व समझाया।
Created On :   26 April 2022 2:37 PM IST